Justice Sanjiv Khanna: चीफ जस्टिस बनने के बाद 'सुबह की सैर' पर नहीं जा पाएंगे संजीव खन्ना, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?

Justice Sanjiv Khanna: चीफ जस्टिस बनने के बाद 'सुबह की सैर' पर नहीं जा पाएंगे संजीव खन्ना, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?
Last Updated: 09 नवंबर 2024

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के नए चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को सुबह की सैर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस हैरान करने वाले फैसले के पीछे कारण यह बताया गया है कि उनकी सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया गया है। चूंकि न्यायमूर्ति खन्ना अब देश के सबसे बड़े न्यायाधीश बन गए हैं, उनकी सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया हैं।

नई दिल्ली: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जो सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस (सीजेआई) बनने जा रहे हैं, का कार्यकाल केवल छह महीने का होगा, और वे मई 2025 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। कानूनी पेशे में चार दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले जस्टिस खन्ना की नियुक्ति के बाद, उनके कार्यकाल को लेकर कई बातें सुर्खियों में हैं, जिनमें से एक है कि वे अब अपनी नियमित सुबह की सैर नहीं कर सकेंगे।

यह खबर मीडिया में आई है कि जस्टिस खन्ना की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। चूंकि चीफ जस्टिस के पद पर रहते हुए उनकी सुरक्षा के विशेष उपायों की आवश्यकता होती है, इसलिए उनकी दिनचर्या में भी सुरक्षा कारणों से बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत, जस्टिस खन्ना की सुबह की सैर पर अब रोक लगा दी गई हैं।

चीफ जस्टिस की 'सुबह की सैर' पर लगी रोक

जस्टिस संजीव खन्ना, जो अपने साधारण और सामान्य जीवन जीने की आदत के लिए प्रसिद्ध हैं, सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपनी सुबह की सैर छोड़ने का निर्णय ले रहे हैं। कानूनी पेशे से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जस्टिस खन्ना का दिनचर्या में सुबह की सैर एक नियमित हिस्सा था, लेकिन अब जब वे देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन हो गए हैं, तो उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष बंदोबस्त किए गए हैं, जिससे उनका सार्वजनिक रूप से घूमना अब संभव नहीं होगा।

जस्टिस खन्ना के लिए सुरक्षा के मामले में कई नए प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं, क्योंकि इस पद पर आसीन शख्सियत को विशेष सुरक्षा घेरे की आवश्यकता होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब उन्हें एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान किया जाएगा।

यहां तक कि वे अपने करीबी दोस्तों और परिवार से मिलने के दौरान भी बहुत लो प्रोफाइल रहते हैं और अपनी निजी कार खुद ड्राइव करते हैं, जिससे उनकी सादगी और सामान्य जीवन की झलक मिलती है। हालांकि, चीफ जस्टिस की जिम्मेदारी को निभाते हुए अब वे अपनी सुरक्षा और सार्वजनिक भूमिका को प्राथमिकता देंगे।

जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर को लेंगे शपथ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार, 11 नवंबर को चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेने से पहले ही उन्होंने यह निर्णय लिया, क्योंकि उन्हें सुरक्षाकर्मियों के साथ सैर करने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। उनका कहना था कि वे इस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था के आदी नहीं हैं और इसकी बजाय अपनी सादगी और निजी जीवन को प्राथमिकता देना चाहते हैं।

न्यायमूर्ति खन्ना का व्यक्तित्व बहुत साधारण और शांत है, और यह उनके जीवन के कई पहलुओं में दिखाई देता है। उदाहरण के तौर पर, जब वे हाल ही में लोकसभा चुनाव में मतदान करने गए थे, तो उन्होंने अपनी निजी कार से मतदान किया और मीडिया के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। इस प्रकार, वे हमेशा ही लो-प्रोफाइल रहते हैं, चाहे उनकी सार्वजनिक जिम्मेदारी कितनी भी बड़ी क्यों न हो।

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