अमेरिका में सैकड़ों छात्रों को उनके एफ-1 वीजा रद्द होने का ईमेल मिला, जिसमें सोशल मीडिया गतिविधियों के आधार पर आत्म-निर्वासन का आदेश दिया गया, बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड के।
US Visa: अमेरिका में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिकी विदेश विभाग से एक चौंकाने वाला ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें उनके एफ-1 वीजा को रद्द करने का आदेश दिया गया है। यह कार्रवाई खासतौर पर उन छात्रों पर की जा रही है जो कैंपस गतिविधियों में शामिल रहे और जिनकी सोशल मीडिया गतिविधियों को एंटी नेशनल या विरोधी गतिविधियों के रूप में देखा गया। जिन छात्रों ने प्रत्यक्ष रूप से विरोध प्रदर्शनों में भाग नहीं लिया, लेकिन सोशल मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट, लाइक्स या कमेंट किए थे, उन्हें भी इस कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
एफ-1 वीजा का महत्व और इस कार्रवाई की वजह
एफ-1 वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देता है। यह वीजा उन्हें मान्यता प्राप्त संस्थानों में दाखिला लेने की अनुमति देता है और इसके लिए छात्रों को अपनी शिक्षा के लिए वित्तीय रूप से सक्षम होना चाहिए।
अमेरिकी सरकार का मानना है कि वह यह तय करने का अधिकार रखती है कि कौन देश में आएगा और कौन नहीं। यही कारण है कि छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी करने के लिए एक नया AI आधारित ऐप "कैच एंड रिवोक" भी लॉन्च किया गया है।
चौंकाने वाला ईमेल और इसके परिणाम
विदेश विभाग ने छात्रों को सूचित किया कि उनका एफ-1 वीजा अमेरिकी इमिग्रेशन और राष्ट्रीयता कानून की धारा 221(i) के तहत रद्द कर दिया गया है। ईमेल में चेतावनी दी गई है कि यदि वे बिना वैध वीजा के अमेरिका में रहते हैं, तो उन्हें जुर्माना, हिरासत या निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है। छात्रों को कहा गया है कि वे रद्द किए गए वीजा का इस्तेमाल न करें और अपना पासपोर्ट अमेरिकी दूतावास में पेश करें।
छात्रों और आप्रवासियों की चिंता
इस फैसले को लेकर कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त की है। उनका कहना है कि उन्होंने बस राजनीतिक मीम्स पोस्ट किए थे, लेकिन क्या इसका मतलब है कि उनका एफ-1 वीजा रद्द कर दिया जाना चाहिए? इस घटना ने अमेरिका में स्वतंत्रता और आप्रवासन कानूनों के बीच गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।