महायुति की बड़ी जीत के बावजूद महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बनी। शिवसेना ने बिहार मॉडल अपनाने की मांग की है, जबकि भाजपा देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने के पक्ष में है। शिंदे के समर्थन में शिवसेना अड़ी।
Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की ऐतिहासिक जीत के बाद भी मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस बना हुआ है। शिवसेना ने बिहार मॉडल का हवाला देते हुए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखने की मांग की है, जबकि भाजपा के कई नेता देवेंद्र फडणवीस को इस पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार बता रहे हैं। इस खींचतान के बीच राज्य की सियासत गरमाई हुई है।
शिवसेना ने दिया 'बिहार मॉडल' का उदाहरण
शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने सोमवार को कहा कि गठबंधन में नेतृत्व का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने बिहार के नीतीश कुमार मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने वहां अपनी संख्या बल के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था। उसी तरह महाराष्ट्र में भी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। म्हास्के ने कहा कि चुनाव शिंदे, फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में लड़ा गया है, ऐसे में गठबंधन के नेताओं को इस पर अंतिम फैसला लेना चाहिए।
देवेंद्र फडणवीस के समर्थन में भाजपा
भाजपा एमएलसी प्रवीण दारेकेर ने शिवसेना की मांग को खारिज करते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए सबसे सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने फडणवीस को जनादेश दिया है। फडणवीस ने गठबंधन को एकजुट रखने में बड़ी भूमिका निभाई और समय आने पर त्याग भी किया। दारेकेर के अनुसार, महाराष्ट्र को इस समय एक अनुभवी और कुशल नेता की जरूरत है।
'शिंदे सबसे लोकप्रिय चेहरा': शिवसेना
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत की आलोचनाओं के जवाब में नरेश म्हास्के ने कहा कि एकनाथ शिंदे जनता के बीच सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने कुछ मीडिया सर्वेक्षणों का हवाला देते हुए दावा किया कि शिंदे को सबसे अधिक समर्थन मिला है। म्हास्के ने कहा कि शिंदे ने खुद को एक आम आदमी के नेता के रूप में स्थापित किया है, जो जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता बढ़ाता है।
'महाराष्ट्र के हित में होगा फैसला': केसरकर
महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने बताया कि मुख्यमंत्री पद पर अंतिम निर्णय एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार मिलकर लेंगे। उन्होंने कहा कि सभी नेता मिलकर राज्य के विकास और जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय करेंगे। केसरकर ने यह भी कहा कि महायुति के नेतृत्व में शानदार चुनावी प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए शिंदे को पद पर बनाए रखना उचित होगा।
महायुति की ऐतिहासिक जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने 236 सीटें जीतकर विपक्षी महा विकास अघाड़ी को करारी शिकस्त दी। भाजपा ने 132 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि एकनाथ शिंदे गुट को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं। वहीं, महा विकास अघाड़ी गठबंधन महज 48 सीटें ही जीत पाया।
भाजपा ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ठोकी
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि पार्टी अपने विधायकों की जल्द ही बैठक बुलाएगी। उन्होंने कहा कि शिवसेना और एनसीपी ने अपने नेताओं को पहले ही चुन लिया है, जबकि भाजपा मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोकने के लिए पूरी तरह तैयार है। दानवे ने यह भी कहा कि भाजपा के पास मजबूत जनाधार है, और पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि महाराष्ट्र को एक सक्षम नेतृत्व मिले।