हरी सब्जियों के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। इसी बीच आलू और टमाटर के दाम में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। मंडी हो या खुदरा बाजार हर जगह सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतें अगली फसल आने तक अक्टूबर में अधिक रहने की संभावना है।
महंगाई की मार: देशभर में आम जनता महंगाई की मार झेल रही है। हरी सब्जियों के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। प्याज के दामों में वृद्धि हो रही थी, लेकिन अब तो आलू और टमाटर के दाम भी आसमान पार हो रहे हैं।
बता दें कि अब मंडी हो या खुदरा बाजार हर जगह सब्जियों के दामों में वृद्धि देखने को मिल रही है। वहीं, 30-35 रुपये किलो बिकने वाला आलू का भाव अब 40-45 रुपये किलो तक पहुंच गया है। साथ ही प्याज 50 और टमाटर 80 के पार जा रहे हैं।
मंडी में भी सब्जियों के बढ़े दाम
subkuz.com को मिली जानकारी के मुताबिक, मंडी में भी आलू की कीमतें 1,076 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2100 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी हैं। बताया कि हिमाचल प्रदेश समेत दूसरे पहाड़ी इलाकों में बारिश से संबंधित परिवहन समस्याओं के कारण टमाटर की कीमतों में भी बढ़ोतरी की जा रही है।
सब्जियों के दामों में क्यों हो रही वृद्धि
व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार, सब्जियों की थोक और खुदरा कीमतों में हो रही लगातार वृद्धि का सबसे बड़ा कारण मानसून के चलते परिवहन संबंधी समस्याओं और टमाटर की फसल को हुए भारी नुकसान है। हालांकि, मानसून से आने से पहले भीषण गर्मी बागवानी फसलों के लिए ज्यादा हानिकारक रही है।
वहीं, दूसरा कारण ये भी बताया है कि राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) जैसी सरकारी एजेंसियों ने अपनी बफर स्टॉक की जरूरत को पूरा करने के लिए खरीददारी को बढ़ावा दिया है, जिसके बाद इन सभी हरी सब्जियों के दामों में वृद्धि की गई हैं।