ओलंपिक 2024 के आरंभ में कुछ ही घंटों का समय शेष है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से खेलों के महाकुंभ का आरंभ होने जा रहा है। इस बार दुनियाभर के 10000 से अधिक एथलीट ओलंपिक में भाग लेने के लिए तैयार हैं और उनकी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। खेलों के महाकुंभ से पहले आपको बताते हैं ओलंपिक प्रतीक में पांच रिंग क्यों हैं।
नई दिल्ली: खेलों के महाकुंभ का आयोजन हर चार साल के अंतराल पर होता है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक खेल में भाग ले और अपने देश के लिए पदक हासिल करें। इस खेल प्रतियोगिता में कई अलग-अलग प्रकार के खेलों का आयोजन होता है, जिसमें तैराकी, कुश्ती, तीरंदाजी और कई अन्य कई खेल शामिल होते हैं। इस बार पेरिस ओलंपिक 2024 का आरंभ 26 जुलाई से होने वाला है, जिसमें 117 भारतीय एथलीट भी भाग ले रहे हैं।
बता दे तीरंदाजी से इस खेल की शुरुआत होगी। इस बार खेल का आयोजन पेरिस में हो रहा है और यह काफी खास इसलिए है क्योंकि 100 साल के बाद पेरिस को इस खेल की मेजबानी सौंपी गई है। आप सभी लोगों ने पेरिस ओलंपिक के प्रतीक में पांच तरह की रिंग तस्वीर में देखी होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं ओलंपिक के प्रतीक में सिर्फ पांच रिंग ही क्यों होती हैं और सभी रिंग अलग-अलग रंग के होने का क्या मतलब हैं?
ओलंपिक खेलों के सिंबल में पांच रिंग का मतलब
ओलंपिक के पांच रिंग (Olympic Five Rings) का प्रतीकात्मक अर्थ खेल, समृद्धि, एकता, और विश्व सामंजस्य को दर्शाने में है। ये पांच रिंग पहली बार 1913 में फ्रांसीसी कलाकार पियरे डी कूपर्टिन (Pierre de Coubertin) ने बनाए थे, जो ओलंपिक आंदोलन के संस्थापक थे। ऐसे में आपको बताते हैं 5 रिंग का अर्थ क्या हैं? बता दें हर रिंग एक दूसरे से जुड़ी हुई है, जो एकता और एकजुटता को दर्शाती है। इन रिंग का एक-दूसरे से जुड़े होने का प्रतीक है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट होकर खेलों को स्वीकार करता है। ये रिंग दर्शाते हैं कि खेल का महत्व सिर्फ खेल तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह विश्व समर्थन और अद्वितीयता का प्रतीक भी हैं।
पांच अलग-अलग महाद्वीपों को दर्शाते हैं रिंग्स
ओलंपिक चार्टर के नियम-8 के अनुसार, ओलंपिक प्रतीक ओलंपिक आंदोलन की गतिविधियों को व्यक्त करता है और इसे ओलंपिक की सार्वभौमिकता का प्रतीक माना जाता है। इन पांच रिंग्स का प्रतीक एथलीटों की भागीदारी को दर्शाता है और इनका डिजाइन पांच महाद्वीपों के संघ को दर्शाता है - अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूरोप।
पियरे डी कूपर्टिन ने ओलंपिक प्रतीक का डिजाइन साल 1913 में तैयार किया था। उन्होंने इसे सफेद पृष्ठभूमि के साथ पांच रंगों की रिंग्स का संयोजन करके बनाया था। इस डिजाइन ने बिना किसी अपवाद के सभी देशों के झंडे के रंगों का प्रतिनिधित्व किया। इस प्रकार, ओलंपिक रिंग्स का यह डिजाइन विश्वभर में सबके लिए एकता और सामान्य भावना का प्रतीक माना जाता है, जो खेलों की अद्वितीय भावना को अबके लिए प्रकट करता हैं।
ओलंपिक रिंग इन पांच महाद्वीपों को दर्शाते हैं-
1. यूरोप महाद्वीप - नीला रिंग
2. एशिया महाद्वीप - पीला रिंग
3. अफ्रीका महाद्वीप - काला रिंग (काला रंग इसलिए क्योंकि अफ्रीका काफी पिछड़ा और गरीब देश है)
4. ऑस्ट्रेलिया या ओशिनिया महाद्वीप - हरा रिंग
5. अमेरिका महाद्वीप - लाल रिंग