दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जालसाजों ने खुद को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अधिकारी बताकर एक बुजुर्ग से 19 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। आरोपियों ने बुजुर्ग को 'डिजिटल अरेस्ट' का डर दिखाया और धोखे से उनके बैंक खातों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर लिए।
पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए अहमदाबाद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने पूरी वारदात को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। पुलिस अब पूछताछ कर अन्य ठगी के मामलों में उनकी संलिप्तता की जांच कर रही है।
Digital Arrest
दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जालसाजों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताकर एक बुजुर्ग को 'डिजिटल अरेस्ट' का डर दिखाया और उनके बैंक खातों से करीब 19 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की और अहमदाबाद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह ठगी योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी गई। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों का पता लगाने का प्रयास जारी है।
ग्रेटर कैलाश में रहते हैं बुजुर्ग अरुण कुमार
दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने ग्रेटर कैलाश में 19 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में अहम कार्रवाई की है। पुलिस ने अहमदाबाद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।
पीड़ित, 65 वर्षीय अरुण कुमार, ग्रेटर कैलाश में रहते हैं। उन्हें जालसाजों ने ऑनलाइन निवेश का झांसा देकर फंसाने की कोशिश की। हालांकि, अरुण ने निवेश नहीं किया, लेकिन आरोपियों को उनके बैंक खाते में बड़ी रकम होने का पता चल गया। इसके बाद जालसाजों ने खुद को ईडी अधिकारी बताते हुए उन्हें डराया और डिजिटल तौर पर उनका अकाउंट खाली करवा लिया।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ जारी है, ताकि ठगी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके। मामले को लेकर जांच तेज कर दी गई ह
750 बैंक खातों का किया इस्तेमाल
पुलिस के अनुसार, जालसाजों ने एक पीड़ित को फर्जी ईडी अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क किया और उसे बताया कि उसका डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। इसके बाद आरोपितों ने पीड़ित से उसकी बैंक अकाउंट जानकारी मांगी और झांसा देकर 19 करोड़ रुपये निकाल लिए। इस घोटाले के बाद आरोपितों ने पीड़ित का नंबर ब्लॉक कर दिया।
पुलिस की जांच में सामने आया कि जालसाजों ने इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए 750 से अधिक बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है और अब गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है।