PM Modi: 17 अगस्त को तीसरा ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मलेन आयोजित, वर्चुअल माध्यम से भारत करेगा इसकी मेजबानी

PM Modi: 17 अगस्त को तीसरा ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मलेन आयोजित, वर्चुअल माध्यम से भारत करेगा इसकी मेजबानी
Last Updated: 17 अगस्त 2024

भारत में आयोजित होने वाला तीसरा ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन वैश्विक साउथ के देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इस सम्मेलन का उद्देश्य न केवल आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है बल्कि जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श करना है।

New Delhi: आज यानि 17 अगस्त को भारत में वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य विकासशील देशों की आवाज़ को मजबूती प्रदान करना और उनके मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना है। इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी।

साथ ही इसमें जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास, और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा, जो विकासशील देशों के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं। इसके माध्यम से भारत ने न केवल अपनी नेतृत्व क्षमता को दर्शाया है, बल्कि वैश्विक साउथ के देशों के बीच स्थायी साझेदारियों को भी प्रोत्साहित किया है।

17 अगस्त को होगी मेजबानी

भारत 17 अगस्त को तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा। इस शिखर सम्मेलन का विषय है - 'सतत भविष्य के लिए एक सशक्त ग्लोबल साउथ।' विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस आयोजन में पिछले सम्मेलनों में वैश्विक जटिलताओं पर हुई चर्चाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। इन चुनौतियों में संघर्ष, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा संकट, और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं से विश्व के प्रभावित होने का मुद्दा शामिल है।

वर्चुअल माध्यम से होगा आयोजित

भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले आज इस सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के देशों द्वारा चुनौतियों, प्राथमिकताओं और अल्प विकसित तथा विकासशील देशों की कई समस्याओं, विशेषकर विकास के क्षेत्रों में समाधान खोजने पर विशेष चर्चा की जाएगी।

मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पिछले दो शिखर सम्मेलनों की तरह यह सम्मेलन भी वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया जाएगा। उद्घाटन सत्र में राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों का स्तर होगा, जिसकी मेज़बानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। पिछले शिखर सम्मेलनों में ग्लोबल साउथ के 100 से अधिक देशों ने भाग लिया था।

वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट: एक नई पहल

वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट एक अनोखी पहल है, जिसका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों को एकत्रित करना और विभिन्न मुद्दों पर एक साझा मंच पर उनके दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को साझा करना है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत से प्रेरित है, और भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन पर भी आधारित है। इस समिट का लक्ष्य देशों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देना है, ताकि सभी राष्ट्र मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकें।

प्राथमिकताओं पर चर्चा के लिए एक साझा मंच

हाल के वैश्विक घटनाक्रम, जैसे कोविड महामारी, यूक्रेन में चल रहा संघर्ष, बढ़ता कर्ज, और खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा की चुनौतियों ने विकासशील देशों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। अक्सर, विकासशील देशों की समस्याओं को वैश्विक मंच पर पर्याप्त ध्यान नहीं मिलता है। मौजूदा मंच विकासशील देशों की इन चुनौतियों को प्रभावी ढंग से हल करने में विफल साबित हो चुके हैं।

वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का उद्देश्य विकासशील देशों से जुड़ी चिंताओं, हितों और प्राथमिकताओं पर चर्चा के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। भारत यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत रहेगा कि वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में भागीदार देशों से प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों को वैश्विक स्तर पर उचित मान्यता मिले।

 

 

 

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