अयोध्या में आज रामलला जन्मोत्सव 2025 की दिव्यता और भव्यता चरम पर है। चैत्र शुक्ल नवमी के शुभ अवसर पर राम नगरी पूरी तरह से प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के उल्लास में सराबोर है।
Ramlala Janmotsav: आराध्य प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के उल्लास में रामनगरी पूरी तरह डूब चुकी है। यह पावन अवसर जैसे-जैसे निकट आ रहा है, श्रद्धा और आस्था का सैलाब अयोध्या की गलियों में उमड़ पड़ा है। देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु रामजन्मभूमि की ओर उमड़ रहे हैं। राम मंदिर सहित समस्त रामजन्मभूमि परिसर और नगर के सभी प्रवेश द्वारों को दिव्य और अलौकिक रूप में सजाया गया है, जिससे पूरी नगरी स्वर्गिक छटा बिखेर रही है।
रविवार को मध्याह्न 12 बजे, जब रघुकुल के कुलदीपक भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, तब उल्लास अपने चरम पर पहुंचेगा। इस शुभ घड़ी को भव्य बनाने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं, जिसमें आवास, जलपान, चिकित्सा और मार्गदर्शन की समुचित व्यवस्था शामिल है। सुरक्षा व्यवस्था को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तमाम स्तरों पर रणनीति बनाई गई है।
रामलला के जन्म का विशेष क्षण
रविवार, 6 अप्रैल 2025, को मध्याह्न 12 बजे जैसे ही प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, उसके बाद रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक का आयोजन किया जाएगा। इस अद्भुत दृश्य के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। शनिवार को अंतिम बार सूर्य तिलक का ट्रायल भी सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह दूसरा अवसर है जब नव्य-निर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला जन्मोत्सव आयोजित किया जा रहा है। पूरे मंदिर परिसर को दिव्य सजावट से सजाया गया है।
गर्भगृह में रामलला का विशेष अभिषेक सुबह 9:30 बजे शुरू हुआ, जो 10:30 बजे तक चला। फिर श्रृंगार एवं भोग की प्रक्रिया के बाद ठीक 12 बजे रामलला का जन्मोत्सव सम्पन्न होगा।
श्रद्धालुओं के लिए व्यापक व्यवस्थाएं: 25 लाख से अधिक भक्तों की उम्मीद
रामलला के दर्शन हेतु देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। प्रशासन ने अनुमान जताया है कि इस बार 25 लाख से अधिक श्रद्धालु जन्मोत्सव में सहभागी बन सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी प्रवेश द्वारों, सड़कों और घाटों पर सुरक्षा, पेयजल, चिकित्सा, शौचालय और मार्गदर्शन की व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं।
गर्म मौसम से भक्तों को राहत दिलाने के लिए रामजन्मभूमि पथ और अन्य प्रमुख मार्गों पर कालीन और मैटिंग, पानी का छिड़काव और शीतल पेय वितरण केंद्र लगाए गए हैं।
यातायात नियंत्रण और सुरक्षा: पूरे शहर में डायवर्जन लागू
श्रद्धालुओं की भीड़ और आयोजन की भव्यता को देखते हुए अयोध्या में यातायात डायवर्जन लागू कर दिया गया है। चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से राम की पैड़ी, कनक भवन, हनुमानगढ़ी और सरयू घाट जैसे प्रमुख स्थलों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। रामलला जन्मोत्सव के समस्त पूजन कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण टेलीविजन चैनलों और इंटरनेट मीडिया पर किया जा रहा है, जिससे देश-विदेश में बैठे करोड़ों श्रद्धालु इस आध्यात्मिक उत्सव से जुड़ सकें।
अयोध्या का यह जन्मोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत और एकता का महान उदाहरण भी है। पूरी रामनगरी प्रभु श्रीराम के जन्म के आलोक में आज फिर से जगमगा उठी है।