संजय राउत ने 'सौगात-ए-मोदी' किट को चुनावी चाल बताया, बोले— चुनाव आते ही पीएम मोदी मुसलमानों के मित्र बनने की कोशिश कर रहे हैं, यह सब दिखावा है, जनता सब समझती है।
Saugat-E-Modi: देशभर में ईद के अवसर पर मोदी सरकार की ओर से मुस्लिम समुदाय के लगभग 40 लाख परिवारों को विशेष 'सौगात-ए-मोदी' किट दी जा रही है। सरकार के निर्देश पर बीजेपी कार्यकर्ता घर-घर जाकर यह किट बांट रहे हैं। इसे सरकार की ओर से एक सौगात के रूप में पेश किया जा रहा है। इस कदम को लेकर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है।
संजय राउत का तीखा हमला
शिवसेना (यूबीटी) नेता और सांसद संजय राउत ने इस पहल पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी रणनीति करार दिया है। उन्होंने कहा, "आज हिन्दू नव वर्ष है और महाराष्ट्र में मराठी नव वर्ष भी मनाया जा रहा है। वहीं, ईद का त्योहार भी नजदीक है। इसी मौके पर पीएम मोदी ने मुस्लिम समुदाय को ईदी के रूप में यह किट बांटने का काम किया है। बीजेपी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे मस्जिदों और मुस्लिम बस्तियों में जाकर लोगों से मेलजोल बढ़ाएं।"
'चुनाव आते ही बदल जाती है पीएम मोदी की भाषा'
संजय राउत ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "जब चुनाव नजदीक आता है, तब उनकी भाषा बदल जाती है। पहले वे मुसलमानों को लेकर अलग बयान देते थे, लेकिन अब जब बिहार चुनाव और अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है तो वे मुस्लिमों के मित्र बनने की कोशिश कर रहे हैं। यह सब केवल एक राजनीतिक ढोंग है।"
पीएम मोदी के नागपुर दौरे पर भी टिप्पणी
पीएम मोदी के नागपुर दौरे को लेकर भी संजय राउत ने तंज कसा। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री बने हुए 10 साल से अधिक हो गए हैं, लेकिन वह अब तक आरएसएस मुख्यालय नहीं गए थे। लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही वे अब संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने जा रहे हैं। यह दौरा केवल राजनीतिक समीकरण साधने का एक तरीका है।"
बीजेपी अध्यक्ष के चयन पर भी बोले राउत
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर चल रही देरी पर भी संजय राउत ने कटाक्ष किया। उन्होंने दावा किया, "संघ चाहता है कि बीजेपी अध्यक्ष उनकी पसंद का बने, इसलिए यह फैसला अब तक रुका हुआ है। यह बीजेपी का आंतरिक मामला है, लेकिन इससे यह साफ हो जाता है कि पार्टी पर संघ का सीधा प्रभाव है।"