एस. एम. खान, जो पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के प्रेस सचिव रह चुके हैं, ने उनके साथ बिताए अनुभवों पर आधारित एक किताब "पीपुल्स प्रेसिडेंट" लिखी है। यह किताब डॉ. कलाम के व्यक्तित्व, उनके कामकाज की शैली और उनकी सादगीपूर्ण जीवनशैली को दर्शाती हैं।
नई दिल्ली: भारतीय सूचना सेवा (IAS) के पूर्व अधिकारी एस. एम. खान का रविवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी। एस. एम. खान पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के प्रेस सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके थे। वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के लिए भी एक महत्वपूर्ण चेहरा थे। उन्होंने 1989 से 2002 तक एजेंसी के सूचना अधिकारी के रूप में सबसे लंबे समय तक काम किया।
सीबीआई का प्रमुख चेहरा थे खान
एस. एम. खान अपने कार्यकाल के दौरान CBI का चेहरा बन गए और बोफोर्स घोटाला, स्टॉक एक्सचेंज घोटाला, और अन्य हाई-प्रोफाइल मामलों के दौरान मीडिया को नियमित रूप से संबोधित किया। CBI में अपनी लंबे समय तक सेवा देने के बाद, उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का प्रेस सचिव नियुक्त किया गया। इस भूमिका में उन्होंने सार्वजनिक संचार और प्रशासनिक दक्षता के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया। खान ने प्रशासनिक सेवाओं से इतर जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और निदेशक के रूप में भी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।
एस. एम. खान का करियर
एस. एम. खान का करियर सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में असाधारण रहा। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का प्रेस सचिव बनने के बाद, उन्होंने दूरदर्शन में समाचार महानिदेशक के रूप में भी अहम जिम्मेदारी निभाई। सार्वजनिक सेवा के अलावा, खान ने "पीपुल्स प्रेसिडेंट" नामक पुस्तक भी लिखी, जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
कुछ समय से अस्वस्थ रहने के बाद, खान को ICU में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनका स्वास्थ्य सुधार नहीं पाया और उनका निधन हो गया। वे 67 वर्ष के थे और उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटे हैं। उनका अंतिम संस्कार बुलंदशहर स्थित उनके गृहनगर खुर्जा में आज (सोमवार) दोपहर को किया जाएगा। खान ने न केवल अपने करियर में बल्कि अपने व्यक्तित्व के माध्यम से भी कई लोगों को मार्गदर्शन दिया। उनके ज्ञान, विनम्रता और दयालुता ने उन्हें उनके आस-पास के लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना दिया।