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संसद में राघव चड्ढा की बात से सहमत दिखीं निर्मला सीतारमण, जानें क्यों की तारीफ

संसद में राघव चड्ढा की बात से सहमत दिखीं निर्मला सीतारमण, जानें क्यों की तारीफ
अंतिम अपडेट: 27-03-2025

राज्यसभा में आप सांसद राघव चड्ढा ने बैंकों की खराब सेवा, छिपे शुल्क और साइबर फ्रॉड पर सवाल उठाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मजाकिया अंदाज में उनकी बैंकिंग मामलों में दिलचस्पी की सराहना की, जिस पर चड्ढा मुस्कुराते नजर आए।

New Delhi: राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने बैंकों की कार्यप्रणाली को लेकर सरकार से कई तीखे सवाल किए। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंक आम जनता का भरोसा खो रहे हैं और उनकी सेवाओं में लगातार गिरावट देखी जा रही है। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सुविधाओं की कमी, ग्राहक सेवा की खराब स्थिति और बढ़ते साइबर फ्रॉड को लेकर भी चिंता जाहिर की।

वित्त मंत्री का मजाकिया जवाब

राघव चड्ढा की बातों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हल्के-फुल्के अंदाज में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी हुई कि राघव चड्ढा जी ने न केवल बैंकिंग सेवाओं पर नजर रखी, बल्कि उन्होंने बैंकों में पंखों की संख्या, दीवारों के पेंट और अन्य छोटे-छोटे पहलुओं को भी बारीकी से देखा। 

यह देखकर संतोष होता है कि जो सदस्य अंतरराष्ट्रीय मामलों में व्यस्त रहते हैं, वे ग्रामीण बैंकों का भी दौरा कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि चड्ढा का अंतरराष्ट्रीय अनुभव देशवासियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। वित्त मंत्री के इस बयान पर राघव चड्ढा मुस्कुराते हुए नजर आए।

ग्राहकों से जुड़े बैंकिंग मुद्दों पर जोर

बुधवार को राज्यसभा में राघव चड्ढा ने बैंकों द्वारा ग्राहकों से वसूले जा रहे छिपे हुए शुल्कों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को बिना जानकारी दिए उनकी गाढ़ी कमाई पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जा रहा है। उन्होंने मिनिमम बैलेंस चार्ज, एटीएम ट्रांजैक्शन फीस, एसएमएस अलर्ट शुल्क और स्टेटमेंट चार्ज जैसे शुल्कों पर सरकार से जवाब मांगा।

ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सुविधाओं की कमी पर सवाल

राघव चड्ढा ने ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित बैंकिंग सुविधाओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि कई दूरदराज के इलाकों में अभी भी बैंकिंग सेवाओं का विस्तार नहीं हुआ है, जिससे ग्रामीण जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की।

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