पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम कहते हैं कि मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में शुरू हुआ था, जिसमें तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
New Delhi: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने विदेश मंत्रालय की सराहना की, जिसने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाने में सफलता प्राप्त की। चिदंबरम ने बताया कि राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई थी। उन्होंने तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई को इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया।
राणा के प्रत्यर्पण में यूपीए सरकार का योगदान
चिदंबरम ने बताया कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के प्रमुख आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया 2009 में यूपीए सरकार के दौरान शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि 2011 में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा राणा की पहचान किए जाने के बाद यह प्रक्रिया गति पकड़ने लगी।
मोदी सरकार की सफलता की सराहना
चिदंबरम ने मोदी सरकार की सराहना की, जिन्होंने इस लंबी और चुनौतीपूर्ण कूटनीतिक यात्रा को पूरा किया और 16 साल बाद राणा को भारत लाने में सफलता हासिल की। उन्होंने कहा, "मैं निश्चित हूं कि मोदी सरकार के विदेश मंत्रालय और अन्य अधिकारियों ने इस प्रयास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।"
प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर चिदंबरम की टिप्पणी
चिदंबरम ने बताया कि राणा के प्रत्यर्पण में विदेश मंत्रालय, खुफिया एजेंसियों और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने सलमान खुर्शीद और रंजन मथाई की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया। साथ ही, उन्होंने भाजपा प्रवक्ताओं की टिप्पणियों को गंभीरता से न लेते हुए, विदेश मंत्रालय या गृह मंत्रालय से आधिकारिक बयान का इंतजार किया।
तहव्वुर राणा NIA की हिरासत में
तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका से भारत लाया गया और वर्तमान में वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में हैं। एजेंसी को संदेह है कि राणा ने भारत के अन्य शहरों में भी हमले की साजिश रची थी। राणा की पूछताछ में हमलों से जुड़े विभिन्न स्थलों की जांच की जा सकती है।