महाराष्ट्र कैबिनेट मीटिंग में लिया बड़ा फैसला, अहमदनगर जिले का नाम बदलकर किया अहिल्या नगर

महाराष्ट्र कैबिनेट मीटिंग में लिया बड़ा फैसला, अहमदनगर जिले का नाम बदलकर किया अहिल्या नगर
Last Updated: 14 मार्च 2024

महाराष्ट्र कैबिनेट मीटिंग में लिया बड़ा फैसला, अहमदनगर जिले का नाम बदलकर किया अहिल्या नगर 

महाराष्ट्र के अहमदनगर को अब अहिल्यनगर के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही महाराष्ट्र कैबिनेट ने 8 मुंबई रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कैबिनेट ने एलान किया है कि अहमदनगर का नाम अब 18वीं शताब्दी की मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर 'अहिल्यनगर' रखा जाएगा।

मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र सरकार ने आज बुधवार (13 मार्च) को हुई कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसले किए हैं। शिंदे कैबिनेट ने महाराष्ट्र के अहमदगनर जिले का नाम बदलकर अहिल्यानगर कर दिया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र कैबिनेट ने मुंबई के 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला किया है। महाराष्ट्र कैबिनेट का कहना है कि ब्रिटिश काल के नाम वाले सभी स्टेशनों के नाम बदले जाएंगे। कैबिनेट ने एलान किया है कि अहमदनगर जिले का नाम 18वीं शताब्दी की मराठों की रानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर 'अहिल्यनगर' रखा जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक, इस शहर का नाम बदलने की घोषणा सबसे पहले महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने पिछले वर्ष  में ही कर दी थी।

पहले बदला गया था शहरों का नाम

subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के अहमदनगर शहर का नाम अहमद निज़ामशाह के नाम पर पड़ा था, जिन्होंने 15वीं शताब्दी में निज़ामशाही राजवंश के साथ अहमदनगर शहर की नींव रखी थी। बताया गया कि 2022 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलकर क्रमशः संभाजी नगर और धाराशिव रखा गया था। उस्मानाबाद और औरंगाबाद का नाम  निज़ाम मीर उस्मान अली खान और मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था।

बताया जा रहा है कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने की सबसे पहले मांग दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने की थी। उनके द्व्रारा यह मांग कई दशकों से उठाई जा रही थी। दरअसल, उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार के कमजोर पड़ने से पहले सीएम के रूप में अपनी आखिरी कैबिनेट मीटिंग में इन नामों को बदलने का फैसला ले लिया था। हालांकि महा विकास अघाड़ी (MVA) की सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी (NCP) कथित तौर पर इस फैसले पर सहमत नहीं थे। जानकारी के अनुसार, ये फैसला राज्य कैबिनेट द्वारा पारित किया गया थ।

 

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