Bangladesh: शेख हसीना को पनाह देने पर भारत से प्रतिशोध ले रहा है बांग्लादेश! यूनुस सरकार ने बदले कई फैसले, बंगाल पर पड़ेगा असर

Bangladesh: शेख हसीना को पनाह देने पर भारत से प्रतिशोध ले रहा है बांग्लादेश! यूनुस सरकार ने बदले कई फैसले, बंगाल पर पड़ेगा असर
Last Updated: 10 सितंबर 2024

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार द्वारा लिए गए हालिया फैसलों ने भारत, खासकर पश्चिम बंगाल, पर असर डाला है। दुर्गा पूजा से कुछ दिन पहले, यूनुस की अंतरिम सरकार ने हसीना सरकार के कई फैसलों को बदल दिया।

Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार तेजी से नए फैसले ले रही है। यूनुस सरकार ने हसीना द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों को पलट दिया है, जिनका असर भारत पर भी दिखाई दे रहा है। दुर्गा पूजा से कुछ ही दिन पहले, बांग्लादेश ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसका प्रभाव पश्चिम बंगाल और भारत के अन्य हिस्सों पर हो सकता है।

इन फैसलों में व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से जुड़े निर्णय शामिल हैं, जिनसे बंगाल के लोगों को असुविधा हो सकती है। दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश से आने वाली सामग्रियों, जैसे मूर्तियों और अन्य धार्मिक वस्तुओं, पर असर पड़ सकता है, जिससे भारत और खासकर बंगाल में इस उत्सव की तैयारियों में दिक्कतें सकती हैं।

हिलसा के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने हाल ही में हिलसा मछली (जिसे बंगाली में "इलिश" कहा जाता है) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला दुर्गा पूजा से कुछ दिन पहले आया, जिससे पश्चिम बंगाल में इसका बड़ा असर पड़ा है। हिलसा मछली दुर्गा पूजा के दौरान बंगाली भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, और बांग्लादेश से इसका आयात बड़ी मात्रा में होता है।

इस प्रतिबंध के चलते पश्चिम बंगाल में हिलसा मछली की कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं, जिससे स्थानीय बाजार में इस मछली की उपलब्धता और खरीदारी महंगी हो गई है। बंगाली लोगों को अब इस मछली को खरीदने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है, जिससे आम जनता पर वित्तीय बोझ बढ़ गया है।

यह फैसला लेने की बताई वजह: बांग्लादेश

बांग्लादेश की सरकार ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय की सलाहकार, फरीदा अख्तर ने की है। उन्होंने बताया कि यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है ताकि बांग्लादेश के स्थानीय उपभोक्ताओं को हिलसा मछली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके, क्योंकि देश के भीतर भी इसकी मांग बहुत अधिक है।

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, फरीदा अख्तर ने कहा, "हम अपने लोगों को मछली उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं, इसलिए हम भारत को इसका निर्यात नहीं कर सकते। इस साल, मैंने वाणिज्य मंत्रालय को दुर्गा पूजा के दौरान भारत में किसी भी हिलसा मछली के निर्यात को रोकने का निर्देश दिया है।"

इस निर्णय का असर भारत के पश्चिम बंगाल में साफ दिखाई दे रहा है, जहां हिलसा मछली की कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं, क्योंकि यह मछली बंगाली खानपान का महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर त्योहारों के दौरान।

बांग्लादेश में इलिश का 70 प्रतिशत उत्पादन

बांग्लादेश में दुनिया की लगभग 70% हिलसा (इलिश) मछली का उत्पादन होता है, जो इसे देश का एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सांस्कृतिक प्रतीक बनाता है। इलिश मछली को बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली का दर्जा प्राप्त है। इसके साथ ही, बांग्लादेश की सरकार इसे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक मानती है।

2012 में, बांग्लादेश ने भारत के साथ तीस्ता नदी के जल-बंटवारे पर विवाद के कारण हिलसा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध का उद्देश्य देश की आंतरिक मांग को पूरा करना था, लेकिन इसके परिणामस्वरूप भारतीय बाजारों में हिलसा की कीमतों में भारी वृद्धि हुई और सीमा पर तस्करी के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। इसके बाद, शेख हसीना ने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से 2022 में इस प्रतिबंध को हटा दिया, जिससे भारतीय बाजार में मछली की आपूर्ति फिर से शुरू हुई।

अब म्यांमार के रास्ते होगा व्यापार

गाजीपुर थोक बाजार के व्यापारियों के अनुसार, बांग्लादेश से हिलसा मछली अब म्यांमार के रास्ते भारत पहुंच रही है, जिसके कारण इसकी कीमतों में वृद्धि हो गई है। जहां कुछ महीने पहले 1-1.3 किलोग्राम की हिलसा मछली 1,800 से 2,000 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही थी, अब इसकी कीमत 2,200 से 2,400 रुपये प्रति किलो हो गई है। इसका मुख्य कारण बांग्लादेश सरकार द्वारा निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद मछली की सीमित आपूर्ति है। इस कमी के चलते कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, और म्यांमार के रास्ते आने के कारण इसमें और भी वृद्धि देखी जा रही है।

 

 

 

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