इटली सीनेट ने सरोगेसी पर बैन लगाने वाला नया कानून पारित किया है। 2004 से सरोगेसी पहले ही अवैध थी, लेकिन अब यह कानून इसे 'यूनिवर्सल क्राइम' के रूप में नया स्तर देता है।
World News: इटली में हाल ही में सीनेट ने सरोगेसी पर बैन लगाने वाले एक नए कानून को पारित किया है, जिसमें इसे "यूनिवर्सल क्राइम" के रूप में मान्यता दी गई है। यह कदम देश में पहले से लागू 2004 के सरोगेसी प्रतिबंध को और भी कठोर बनाने का संकेत देता है। यह नया कानून सरोगेसी को मानवता के खिलाफ अपराधों की श्रेणी में रखता है, जिससे सरोगेसी पर समाज में बढ़ती चिंता और बहस को जन्म दिया है।
कानूनी और नैतिकता पर उठाए सवाल
इटली में नए कानून का विरोध उस भाषा का उपयोग करने को लेकर किया जा रहा है जिसमें सरोगेसी को 'अपराध' (रीटो यूनिवर्सल) कहा गया है। यह शब्द इतालवी आपराधिक संहिता से लिया गया है, जो मुख्य रूप से मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जैसे नरसंहार और अन्य गंभीर अपराध। इस शब्द के इस्तेमाल ने सरोगेसी को अन्य गंभीर अपराधों के बराबर रखा है, जिससे मानवाधिकार और महिला सुरक्षा के अधिकारों पर बहस गहरी हो गई है।
फ्रांस और जर्मनी में भी सरोगेसी पर प्रतिबंध
इटली का यह कदम फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों द्वारा उठाए गए कदमों से मेल खाता है, जहां पहले ही सरोगेसी को प्रतिबंधित किया गया है। इन देशों में सरोगेट मां को कानूनी रूप से बच्चे की मां माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद भावी माता-पिता को कानूनी पहचान प्राप्त करने के लिए अन्य रास्ते अपनाने पड़ते हैं, जैसे गोद लेने या आनुवंशिक पिता की कानूनी पहचान प्राप्त करना। ऐसे में, इन देशों में सरोगेसी की मांग विदेशों में की जा रही है, जहां इसे कानूनी रूप से स्वीकारा जाता है।
इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी का बयान
इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने इस नए सरोगेसी प्रतिबंध को "सामान्य ज्ञान" के रूप में प्रस्तुत किया, उनका मानना है कि यह निर्णय समाज के लिए सही है। हालांकि, विपक्षी दलों और महिला अधिकार समूहों ने इस निर्णय की आलोचना की है और इसे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के विपरीत बताया है। उनका कहना है कि यह कदम उन परिवारों को प्रभावित कर सकता है, जो सरोगेसी के माध्यम से बच्चा पैदा करने की योजना बना रहे थे।
यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय की राय
यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय ने इस मुद्दे पर अपने सदस्य देशों में 2014 में एक सलाहकार राय दी थी, लेकिन इसमें सरोगेसी की वैधता को लेकर कोई व्यापक सहमति नहीं बन पाई है। इससे पहले, न्यायालय ने फ्रांस के एक मामले में सरोगेसी को लेकर विचार किया था, लेकिन इस मुद्दे पर स्पष्ट दिशा नहीं मिल पाई। अब इटली में इस नए कानून को लेकर वैश्विक स्तर पर चिंता जताई जा रही है, और यह देखा जा रहा है कि यूरोपीय देशों में इस पर कितनी एकजुटता बनती है।
सरोगेसी पर वैश्विक बहस जारी
इटली में इस नए प्रतिबंध ने सरोगेसी को लेकर वैश्विक बहस को और तेज कर दिया है। ग्रीस, कैलिफोर्निया जैसे कुछ स्थानों पर सरोगेसी को कानूनी रूप से अनुमति दी गई है, जबकि अन्य देश इसके विरोध में खड़े हैं। यह देखा जाएगा कि इस फैसले के बाद दुनिया भर में इस मुद्दे पर और किस तरह के कदम उठाए जाएंगे।