एक महीने में दूसरी बार उत्तर कोरिया की एक मिसाइल के कारण जापान में हड़कंप मच गया और लोगों को शरण लेनी पड़ी. इस घटना से जापान गुस्से में है.
उत्तर कोरिया ने गुरुवार सुबह कई बैलिस्टिक मिसाइल दागीं, जिनमें से एक के कारण जापान में अलर्ट जारी हो गया और लोगों को सुरक्षित जगहों पर पनाह लेनी पड़ी. उत्तर कोरिया ने पिछले दो दिनों में दर्जनों मिसाइलों का परीक्षण किया है. जिसके बाद दक्षिण कोरिया ने भी जवाबी परीक्षण किए और इलाके में तनाव चरम पर पहुंच गया है.
मिसाइल दागे जाने के बाद जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने कहा कि इसे "कतई माफ नहीं किया जा सकता.”बुधवार को उत्तर कोरिया ने 23 मिसाइलों को परीक्षण के लिए दागा था. एक दिन में उसका यह अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण था. इनमें से एक तो दक्षिण कोरिया के तट पर गिरी, जो पहली बार हुआ. इसके अगले ही दिन उसने जापान के आसमान पर मिसाइल छोड़ दी, जिसके कारण उत्तरी शहरों मियागी, यामागाता और नीगाता में अलर्ट जारी हो गया.
जापान में अलर्ट
जे-अलर्ट इमरजेंसी ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम ने बताया कि लोगों को सुरक्षित जगहों पर पनाह लेने की चेतावनी भेजी गई. इस चेतावनी संदेश में कहा गया कि जापान के ऊपर से एक मिसाइल गुजरी है. हालांकि बाद में जापानी रक्षा मंत्रालय ने सफाई दी कि यह मिसाइल जापानी सीमा से नहीं गुजरी थी.
लॉन्च की जानकारी मिलने के लगभग 25 मिनट बाद जापान के कोस्ट गार्ड ने कहा कि यह मिसाइल गिर गई थी. समाचार प्रसारक एफएनएन ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि यह मिसाइल जापान के पूर्व में 1,100 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में गिरी.
योनहैप समाचार एजेंसी के मुताबिक यह मिसाइल चरणबद्ध प्रक्रिया में एक के बाद एक अलग होते हुए गिरी, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह एक लंबी दूरी का हथियार, मसलन कोई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल हो सकता है.
पहले लॉन्च के करीब एक घंटे बाद दक्षिण कोरिया की सेना और जापान के कोस्ट गार्ड ने उत्तर कोरिया से एक और मिसाइल छोड़े जाने की सूचना दी. उसके बाद जापान ने तीसरे लॉन्च की भी संभावना जताई.
4 अक्टूबर को उत्तर कोरिया ने जापान की और एक मिसाइल परिक्षण किया था. पांच साल में यह पहली बार था जबकि जापान की ओर उसने कोई बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी. उस परीक्षण के कारण भी जापान में अलर्ट जारी हुआ था और नागरिकों को सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी थी. वह उत्तर कोरिया का अब तक का सबसे लंबी दूरी का परीक्षण था.
सैन्य अभ्यास से नाराज उत्तर कोरिया
बुधवार को उत्तर कोरिया ने 23 मिसाइलें छोड़ी थीं, जिसके बाद पूरे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया था. इनमें से एक मिसाइल तो दक्षिण कोरिया के तट से सिर्फ 60 किलोमीटर दूर गिरी. इसके बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-इयोल ने इसे ‘क्षेत्रीय अतिक्रमण' करार दिया.
जबकि अमेरिका ने इसे ‘भारी लापरवाही' बताया. कुछ ही समय पहले दक्षिण कोरिया में इस बात पर चर्चा शुरू हुई थी कि उसे भी परमाणु हथियार विकसित करने चाहिए. क्योंकि उत्तर कोरिया लगातार आक्रामक हो रहा है और उसके पास एटम बम हैं.
2022 में उत्तर कोरिया ने रिकॉर्ड मिसाइल परीक्षण किए हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि उसकी कोई मिसाइल दक्षिण कोरिया के इलाके में गिरी हो. इसके बाद दक्षिण कोरिया ने हवाई हमले की चेतावनी भी जारी की और अपनी तरफ से कुछ मिसाइलें भी दागीं जो कि पहले कभी नहीं हुआ.
उत्तर कोरिया ने ये परीक्षण करने से पहले अमेरिका और दक्षिण कोरिया को सैन्य अभ्यास रोकने को भी कहा था. दक्षिण कोरिया और अमेरिका इस वक्त प्रशांत महासागर में अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास कर रहे हैं. इसे लेकर उत्तर कोरिया ने कहा था कि ऐसे ‘सैन्य दुस्साहस और भड़काऊ कार्रवाई को और ज्यादा सहन नहीं किया जा सकता.'
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने पिछले एक हफ्ते में अब तक का सबसे बड़ा वायु सैन्य अभ्यास किया है जिसके तहत दक्षिण कोरिया और अमेरिका के सैकड़ों लड़ाकू विमान उड़ाए गए हैं. इनमें एफ-35 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान भी शामिल हैं जो 24 घंटे युद्ध अभियानों का परीक्षण कर रहे हैं.