इस्राइली विमानों ने शुक्रवार रात को जबालिया क्षेत्र में हवाई हमला किया, जिसमें चार घरों को नुकसान पहुंचा और 22 लोगों की जान गई। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, इस हमले में 30 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।
गाजा में इस्राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में अब शरणार्थी शिविर भी लक्ष्य बनते जा रहे हैं। इस्राइल ने उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर पर हमला किया, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 22 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों की संख्या में वृद्धि के बाद, इस्राइल की सेना ने लोगों से उत्तरी गाजा छोड़ने की अपील की है। साथ ही, जबालिया के निवासियों को दक्षिण की ओर जाने के निर्देश दिए गए हैं।
जबालिया में इस्राइली हवाई हमले में 22 की मौत, 30 घायल; 14 लापता
इस्राइली विमानों ने शुक्रवार रात को जबालिया में एक और हमला किया। इस हमले में चार घरों को नुकसान पहुँचा और 22 लोगों की मौत हो गई। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, इस हमले में 30 लोग घायल हो गए हैं, जबकि 14 लोग लापता हैं, जिनके मलबे में दबे होने की आशंका है।
एक सप्ताह पहले भी इस्राइल की सेना ने जबालिया में हमला किया था। सेना का कहना है कि उसने हमास को पुनर्गठित होने से रोकने के लिए ये हमले किए थे। अंतरराष्ट्रीय चैरिटी "डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स" ने बताया कि इन हमलों में हजारों फलस्तीन नागरिक फंस गए हैं, जिसमें 90 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
उत्तरी गाजा में हिंसा: खाद्य सुरक्षा संकट, निवासियों का पलायन से इनकार
इस्राइल की ओर से जारी लगातार हमलों को लेकर विश्व खाद्य कार्यक्रम ने चेतावनी दी है कि उत्तरी गाजा में बढ़ती हिंसा के कारण हजारों फलस्तीनी परिवारों की खाद्य सुरक्षा संकट में पड़ रही है। एक अक्टूबर के बाद से गाजा में खाद्य सहायता का कोई वितरण नहीं हुआ है, और उत्तर की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग भी बंद कर दिए गए हैं। हमलों के परिणामस्वरूप खाद्य वितरण केंद्र, रसोई और बेकरी सभी बंद कर दी गई हैं।
खाद्य कार्यक्रम के कंट्री निदेशक एंटोनी रेनार्ड ने कहा कि उत्तर क्षेत्र पूरी तरह से कट चुका है। हम वहां कार्य करने में असमर्थ हैं। यदि संघर्ष जारी रहा, तो खाद्य आपूर्ति प्रभावित होगी, जिससे परिवारों के लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है। वहीं, इस्राइल की सेना ने एक्स पर उत्तरी गाजा का नक्शा साझा किया है और जबालिया के निवासियों से वहां से हटने का आग्रह किया है।
पोस्ट में कहा गया है कि लोगों को तुरंत इलाके को खाली करके एक मानवीय सुरक्षित क्षेत्र में चले जाना चाहिए। लेकिन स्थानीय लोग अपने घरों को छोड़ने से मना कर रहे हैं, उनका कहना है कि वे अपने घरों में मरना पसंद करेंगे, क्योंकि गाजा पट्टी में कोई स्थान सुरक्षित नहीं है।