साक्षी मलिक की किताब 'विटनेस' में उन्होंने बबीता फोगाट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। साक्षी ने लिखा कि बबीता ने खुद को पहलवानों का शुभचिंतक बताया, लेकिन इसके पीछे उनके अपने स्वार्थ भी थे। यह टिप्पणी उस समय के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जब खेल और पहलवानी की दुनिया में राजनीति और व्यक्तिगत हित अक्सर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: बबीता फोगाट ने साक्षी मलिक के हालिया दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। साक्षी ने कहा था कि बबीता भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की अध्यक्ष बनने की ख्वाहिश रखती थीं और इसी वजह से उन्होंने पहलवानों को प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। इस पर बबीता ने स्पष्ट किया कि अध्यक्ष बनने की इच्छा साक्षी की थी और वह इसे उन पर थोप रही हैं।
साक्षी के आरोपों के बीच, अन्य ओलंपिक पदक विजेताओं जैसे बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने भी डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। यह मामला वर्तमान में दिल्ली की अदालत में चल रहा है। बजरंग और विनेश ने हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी, और विनेश ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, जिसमें उन्होंने जीत भी हासिल की।
बबिता ने साक्षी को सुनाई खरी-खोटी
बबीता फोगाट ने साक्षी मलिक के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने साक्षी की आलोचना करते हुए कहा कि वह बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं। बबीता ने यह भी कहा कि अगर साक्षी इसी तरह के आरोप लगाती रहीं, तो वह भविष्य में अन्य गंभीर आरोप भी लगा सकती हैं, जैसे कि यौन उत्पीड़न के आरोप या अन्य विवादित बयान।
बबीता ने साक्षी से पूछा कि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रियंका गांधी किसके लिए खाना भेजती थीं और दूसरी बार प्रदर्शन की मंजूरी किसने दिलाई। उन्होंने कहा कि साक्षी को यह भी बताना चाहिए कि दीपेंद्र और भूपेंद्र हुड्डा धरने के दौरान क्या कर रहे थे। इसके अलावा, बबीता ने यह भी कहा कि साक्षी को अपनी किताब को लॉन्च करने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ी, यह दिखाता है कि साक्षी को उनके नाम से कितनी महत्त्वपूर्णता हैं।
'मेरे पास कोई पद होता तो साक्षी को दे देती' - बबिता
बबीता फोगाट ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि उनके पास कोई पद नहीं है और उन्होंने हाल ही में साक्षी मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि साक्षी ने खुद एक साक्षात्कार में यह स्वीकार किया था कि वह भी डब्ल्यूएफआई की अध्यक्ष बन सकती हैं। बबीता ने यह भी कहा कि अगर साक्षी ऐसी बातें कह रही हैं, तो उन्हें उन पर आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि साक्षी अपनी इच्छाओं को उन पर थोप रही हैं और यह उचित नहीं हैं।
बबीता ने बताया कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों का त्याग किया है और अब उनके पास कोई पद नहीं है। वह यह भी कहती हैं कि यदि उनके पास कोई पद होता, तो वह उसे साक्षी को दे देती।