क्या एलन मस्क का Starlink भारत के लिए खतरा बन सकता है? हाई स्पीड इंटरनेट के बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ सकते हैं गंभीर असर

क्या एलन मस्क का Starlink भारत के लिए खतरा बन सकता है? हाई स्पीड इंटरनेट के बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ सकते हैं गंभीर असर
Last Updated: 2 घंटा पहले

एलन मस्क की कंपनी SpaceX का Starlink भारत में अपनी हाई स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के साथ तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह खासतौर पर दूरदराज और कठिन क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने का वादा करता है, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड सेवा नहीं पहुंच पाती। लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट्स ने इस सेवा के संभावित सुरक्षा जोखिमों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं।

सुरक्षा चिंताएं और अमेरिकी जुड़ाव

कुटनीति फाउंडेशन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि Starlink अमेरिकी सरकार और उसकी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में है, जिससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि Starlink को केवल इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए ही नहीं, बल्कि सैन्य और जासूसी गतिविधियों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसे में, यह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को कमजोर कर सकता हैं।

डुअल यूज़ टेक्नोलॉजी और भू-राजनीतिक प्रभाव

Starlink को डुअल यूज़ टेक्नोलॉजी के रूप में देखा जा रहा है, जिसका मतलब है कि इसका उपयोग न केवल नागरिकों के लिए, बल्कि सैन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है। इस तरह की स्थिति में, Starlink भारत के भू-राजनीतिक हितों को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि यह ग्लोबल सैटेलाइट नेटवर्क है और किसी भी विदेशी शक्ति के नियंत्रण में हो सकता हैं।

डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी का सवाल

रिपोर्ट में यह भी चिंता जताई गई है कि Starlink के द्वारा एकत्र किए गए डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कितनी क्षमता है, खासकर अमेरिकी कानूनों को देखते हुए। चूंकि Starlink का संचालन अमेरिकी कंपनियों द्वारा किया जाता है, ऐसे में यह डेटा अमेरिका के कानूनों के अधीन हो सकता है, जो भारतीय नागरिकों के डेटा की गोपनीयता पर सवाल खड़ा कर सकता हैं।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने इन चिंताओं को गंभीरता से लिया है और कहा है कि Starlink को भारत में अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए सुरक्षा और डेटा सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। हालांकि, सरकार ने यह भी माना कि भारत के दूरदराज क्षेत्रों में हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में, सरकार और स्टारलिंक के बीच एक संतुलन बनाने की आवश्यकता होगी, जिसमें सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और साथ ही इंटरनेट की पहुंच भी बढ़ाई जाए।

आखिरकार, क्या खतरा है

Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा भारत में एक बड़ी तकनीकी क्रांति ला सकती है, लेकिन इसके साथ जुड़े सुरक्षा खतरे और अमेरिकी सरकार के साथ इसके संबंधों को लेकर उठ रहे सवाल देश की सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं उत्पन्न कर रहे हैं। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस सेवा को लेकर क्या कदम उठाती है और क्या Starlink को भारत में ऑपरेट करने के लिए सख्त सुरक्षा मानक अपनाने होंगे।

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