पिछले दो महीनों से शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच आईपीओ लाने वाली कंपनियों ने अपनी प्राइस बैंड को महंगा रखा है, जिससे अमीर निवेशक (HNI) इन आईपीओ में निवेश करने से कतराने लगे हैं।
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का आईपीओ, जो कि एनटीपीसी की रिन्यूबल एनर्जी से जुड़ी सब्सिडियरी कंपनी है, केवल 2.55 गुना सब्सक्राइब होकर 22 नवंबर 2024 को समाप्त हुआ। हालांकि, इस आईपीओ में हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) यानी अमीर निवेशकों के लिए रिजर्व 15 फीसदी शेयर्स की उम्मीद थी, लेकिन यह पूरी तरह से सब्सक्राइब नहीं हो सका।
अमीर निवेशकों के लिए रिजर्व किए गए शेयर्स में सिर्फ 0.85 गुना निवेश हुआ, जो दर्शाता है कि पहले जिन निवेशकों के भरोसे आईपीओ मार्केट में रौनक रहती थी, अब वे दूर होते नजर आ रहे हैं।
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का आईपीओ 22 नवंबर को बंद हुआ था। इस आईपीओ में HNI निवेशकों के लिए 15% शेयर रिजर्व रखे गए थे, लेकिन दुर्भाग्यवश वह केवल 0.85 गुना सब्सक्राइब हो पाए। इसका मतलब है कि अमीर निवेशकों की ओर से इसमें बहुत कम निवेश हुआ, जो एक चिंता का विषय बन चुका है।
स्विगी और हुंडई मोटर के आईपीओ में भी हुआ कम निवेश
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ कोई अपवाद नहीं है। इससे पहले स्विगी और हुंडई मोटर के आईपीओ में भी HNI निवेशकों की भागीदारी बहुत कम रही। स्विगी के आईपीओ में HNI के लिए रिजर्व हिस्से का सिर्फ 0.41 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि हुंडई मोटर के आईपीओ में यह आंकड़ा 0.60 गुना था। ये सभी आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि अमीर निवेशक अब आईपीओ में उतना रुचि नहीं दिखा रहे हैं जितना पहले दिखाते थे।
महंगे प्राइस बैंड और गिरते शेयर बाजार का असर
बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, आईपीओ के प्राइस बैंड में वृद्धि और शेयर बाजार में जारी गिरावट के कारण HNI निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है। कई कंपनियाँ उच्च प्राइस बैंड के साथ आईपीओ लाने का प्रयास कर रही हैं, जो अमीर निवेशकों के लिए आकर्षण का कारण नहीं बन रहे। इसके अलावा, आईपीओ का ग्रे मार्केट प्राइस (GMP) भी गिर चुका है, जिससे निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
निवेशकों ने कुछ आईपीओ में किया निवेश
हालांकि, वारी एनर्जीज के आईपीओ ने HNI निवेशकों का अच्छा समर्थन देखा, जिसमें उनके लिए रिजर्व शेयर्स 65 गुना सब्सक्राइब हुए थे। यह इस बात का संकेत है कि अगर प्राइस बैंड आकर्षक हो और कंपनी के पास मजबूत पोटेंशियल हो, तो HNI निवेशक फिर से आईपीओ में रुचि दिखा सकते हैं।