Big Fall in Stock Market: अमेरिका में मंदी के चलते हिला भारतीय बाजार, भारत सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट, जानिए आगे होगा क्या?

Big Fall in Stock Market: अमेरिका में मंदी के चलते हिला भारतीय बाजार, भारत सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट, जानिए आगे होगा क्या?
Last Updated: 05 सितंबर 2024

Big Fall in Stock Market: अमेरिका में मंदी के चलते हिला भारतीय बाजार, भारत सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट, जानिए आगे होगा क्या?

अमेरिका में गुरुवार को विनिर्माण के आंकड़े कमजोर रहने के कारण शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिका में आर्थिक मंदी आने की भी आशंका जताई गई हैं। अमेरिकी बाजार कमजोर होने से भारत समेत दुनियाभर के स्टॉक मार्केट धड़ाम से नीचे गए। आइए जानते हैं इस वैश्विक गिरावट का क्या असर होगा।

बिजनेस न्यूज़: भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स अंकों और निफ्टी में भारी गिरावट के साथ खुले थे और आखिर तक रिकवर नहीं कर सके। बता दें सेंसेक्स 885.60 अंक यानी 1.08 फीसदी की गिरावट के साथ 80,981.95 अंक पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी ने 293.20 प्वाइंट यानी 1.17 फीसदी की डुबकी लगते हुए 24,717.70 अंकों पर बंद हुआ। बता दें अमेरिका, यूरोप और चीन सहित अन्य वैश्विक बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

भारतीय शेयर बाजार धड़ाम

* अमेरिकी, यूरोपीय और अन्य एशियाई बाजारों में भारी बिकवाली के चलते भारतीय शेयर मार्केट में गिरावट आई है।

* कई कंपनियों के तिमाही नतीजे निवेशकों की उम्मीद के खिलाफ रहे। इससे बिकवाली के ट्रेंड ने जोर पकड़ लिया।

* मिडल ईस्ट में सप्लाई बाधित होने की सूचना से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। इससे बाजार की चाल डगमगा गई।

* इजरायल और ईरान के बीच तनाव को देखते हुए जियो पॉलिटिकल टेंशन में गया और निवेश का माहौल बेकार हो गया।

* अमेरिकी डॉलर की दरें और ट्रेजरी यील्ड में अचानक से बढ़ोतरी हुई। इससे विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में बिकवाली शुरू कर दी।

भारतीय बाजार का आगे क्या होगा?

भारतीय शेयर बाजार इस समय अपने पीक प्वाइंट पर चल रहा है। यहां से गिरावट की आशंका हो सकती हैं।क्योकि कुछ शेयरों का वैल्यूएशन हद से बहुत ज्यादा है। इनमें बड़ा करेक्शन होने की संभावना है। कई एक्सपर्ट लोगों ने पहले ही शेयर मार्केट के ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर बड़ी चिंता जताई थी। यहां तक कि बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे में भी बाजार के ऊंचे मूल्यांकन पर प्रकाश डाला गया था। अब कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों और अमेरिका में मंदी की आशंका के बीच निवेशकों के भीतर जोश जगाने वाली कोई वजह नहीं हैं।

अमेरिका में मंदी के आसार

अमेरिका में मंदी की आशंका लगातार बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण कमजोर विनिर्माण डेटा है। इसी वजह से वॉल स्ट्रीट के शेयरों में भारी गिरावट आई है। यूरोप में निराशाजनक बैंक आय के बाद शेयर मार्केट ने भारी डुबकी लगाई है। बता दें अमेरिका में सभी तीन प्रमुख सूचकांक नीचले स्तर पर बंद हुए। नैस्डैक कंपोजिट में सबसे ज्यादा 2.3 फीसदी अंक की गिरावट देखने को मिली।

जानकारी के मुताबिक अमेरिकी वेल्थ मैनेजमेंट और इक्विटी रिसर्च कंपनी Spartan Capital Securities तथा LLC के पीटर कार्डिलो ने देश में मंदी के लिए आर्थिक चिंताओं को ही बड़ा जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि 'देश में बेरोजगारी के दावे अनुमानों से बहुत अधिक हैं। बाजार को इस बात का भी डर सताने लगा है कि अर्थव्यवस्था जिस धीमी गति से चल रही हैं, उस हिसाब से आठ-दस महीने में मंदी देखने को मिल सकती हैं।'

अन्य देशों के बाजारों में क्यों आई गिरावट

जानकारी के मुताबिक यूरोप मुद्रास्फीति के आंकड़ों में भी गिरावट देखने को मिली है। इससे देश में अनिश्चितता और बढ़ गई है कि यूरोपीय सेंट्रल बैंक जून के बाद सितंबर महीने में ब्याज दरों में कटौती करेगा या फिर नहीं। इस बात की चिंता के कारण फ्रैंकफर्ट और पेरिस दोनों स्टॉक 2 फीसदी से अधिक गिरकर लाल निशान पर बंद हुए।

भारत के अलावा बाकी एशियाई बाजारों की बात करें, तो जापान के प्रमुख निर्यात क्षेत्र को प्रभावित करने वाले येन के मजबूत होने के कारण निक्केई 225 एक समय 5 प्रतिशत से अधिक दुब गया था। हांगकांग, सिडनी, सियोल और ताइपे के मार्केट में भी 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रिकॉर्ड हुई। इसके अलावा शंघाई, जकार्ता, वेलिंगटन, सिंगापुर और मनीला बाजार भी लाल निशान में बंद हुए।

 

 

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