सोमवार, 4 नवंबर को शेयर बाजार दो दिन के साप्ताहिक अवकाश के बाद खुलने वाला है। इस दौरान बाजार की दिशा को कई महत्वपूर्ण कारक प्रभावित करने वाले हैं, जिनमें यूएस चुनाव, यूएस फेड मीटिंग और तिमाही परिणाम शामिल हैं।
नई दिल्ली: शुक्रवार, 1 नवंबर को शेयर बाजार में एक छोटा ट्रेडिंग सत्र आयोजित किया गया। इस एक घंटे के कारोबारी सत्र में बैंकिंग, फाइनेंस और मेटल शेयरों में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली, जिसके परिणामस्वरूप ये 0.5 फीसदी के वीकली गेन के साथ बंद हुए।
वहीं, सोमवार, 4 नवंबर को बाजार दो दिन के साप्ताहिक अवकाश के बाद खुलेगा। इस दौरान बाजार की स्थिति को कई महत्वपूर्ण कारक प्रभावित करेंगे, जिनमें यूएस चुनाव, यूएस फेड मीटिंग और तिमाही परिणाम शामिल हैं।
US चुनाव परिणाम
हालिया रिपोर्टों के अनुसार, 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव परिणाम का भारतीय अर्थव्यवस्था के कई सेक्टरों पर प्रभाव पड़ेगा।
फेड बैठक
5 नवंबर को चुनाव के बाद, 7 नवंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक आयोजित की जाएगी। इसके परिणाम भारतीय बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। वास्तव में, यदि फेड की दरें घटाई जाती हैं, तो यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अपनी दरों में कटौती करने पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
ये कंपनियां घोषित करेंगी Q2 परिणाम
अगले सप्ताह कई प्रमुख कंपनियां वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के लिए अपने परिणाम प्रस्तुत करेंगी। ऐसे में इन कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि इनमें टाइटन, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, टाटा स्टील, ल्यूपिन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, ट्रेंट, LIC, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, डिवीज़ लैबोरेट्रीज और SBI जैसी कई कंपनियां शामिल हैं।
ऑटो सेलिंग रिपोर्ट
हाल ही में ऑटो कंपनियों ने फेस्टिव सीजन में बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं, जो उच्च मांग को दर्शाते हैं। यह ऑटो सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, टाटा मोटर्स की बिक्री में कमी देखी गई है।
एफआईआई की गतिविधियाँ
अक्टूबर महीने में फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स (एफपीआई) द्वारा रिकॉर्ड 1,13,858 करोड़ रुपये का आउटफ्लो दर्ज किया गया, जिसने बाजार में हालिया गिरावट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके बावजूद, एफपीआई ने प्राइमरी मार्केट में अपनी खरीदारी जारी रखी और 19,842 करोड़ रुपये का निवेश किया।