दिवाली से पहले किसानों को बड़ा तोहफा: मोदी सरकार ने गेहूं, चना और 6 अन्य रबी फसलों पर MSP बढ़ाया

दिवाली से पहले किसानों को बड़ा तोहफा: मोदी सरकार ने गेहूं, चना और 6 अन्य रबी फसलों पर MSP बढ़ाया
Last Updated: 1 दिन पहले

MSP में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की गई है।

किसानों के लिए यह एक सुखद समाचार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने मार्केटिंग वर्ष 2025-26 के लिए सभी आवश्यक रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की जानकारी दी।

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने उत्पादकों को उनकी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है। इससे देशभर के लाखों किसानों को लाभ होगा और वे अपनी फसल को उचित दाम पर बेच सकेंगे।

रबी फसलों के लिए MSP में महत्वपूर्ण वृद्धि

खबर के मुताबिक, एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। चना, गेहूं, कुसुम और जौ के लिए क्रमशः 210 रुपये प्रति क्विंटल, 150 रुपये प्रति क्विंटल, 140 रुपये प्रति क्विंटल और 130 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।

मार्केटिंग ईयर 2025-26 के लिए आवश्यक रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के मुताबिक है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई थी।

अपेक्षित मार्जिन गेहूं के लिए 105 प्रतिशत है

अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर यह अपेक्षित मार्जिन गेहूं के बाद रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत, मसूर के लिए 89 प्रतिशत, चना के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है। रबी फसलों के इस बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त होगा और फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

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