2024 Raksha Bandhan: भद्रा के समय क्यों नहीं करने चाहिए शुभ कार्य, जानिए कब है रक्षाबंधन पर भद्रा काल?
रक्षाबंधन का त्योहार (Raksha Bandhan Festival) सावन पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर शुभ समय में राखी बांधती हैं। इस अवसर पर भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। इस वर्ष 2024 में रक्षाबंधन पर भद्राकाल का प्रभाव रहेगा। मान्यता है कि भद्राकाल के दौरान राखी बांधना निषिद्ध होता है।
Raksha Bandhan: सनातन धर्म में अनेक महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं, जिनका विशेष अर्थ होता है। इनमें रक्षाबंधन का त्योहार भी एक प्रमुख स्थान रखता है। यह पर्व भाई-बहन (Brother And Sister) के रिश्ते की पवित्रता का प्रतीक है। पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन हर साल सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हिंदू पंचांग यह मान्यता है कि भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। इसलिए, आइए हम जानते हैं रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और भद्रा काल के बारे में।
भद्रा का रूप किसे बताया गया है ?
पुराणों के मुताबिक, भद्रा न्याय के देवता शनि देव की बहन हैं, जो सूर्य देव की पुत्री मानी जाती हैं। कहा जाता है कि भद्रा का स्वभाव काफी क्रोधी है। भद्रा के इस स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें पंचांग के एक महत्वपूर्ण अंग, विष्टि करण, में स्थान दिया। आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि भद्राकाल के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करना वर्जित है। भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इस कारण से, रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांधी जाती है।
कब मनाया जायेगा रक्षाबंधन
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष (2024) सावन महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अगस्त, 2024 को रात के 03:43 बजे तक रहेगी। इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। सरल शब्दों में कहा जाए तो अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को रात 03 बजकर 43 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 19 अगस्त को रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। इसलिए, रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
19 अगस्त को भद्रा का समय
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भद्रा का आरम्भ सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर होगा।
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त
सावन पूर्णिमा पर राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से लेकर 04 बजकर 20 मिनट तक निर्धारित किया गया है। इसके पश्चात प्रदोष काल में शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर 09 बजकर 08 मिनट तक का समय भी राखी बांधने के लिए उपयुक्त है। इन दोनों समयावधियों में अपनी सुविधानुसार, बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
राखी बांधते समय ये मंत्र पढ़ें
ऊँ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।