दीवाली 2024: जानिए कब हैं दिवाली, छोटी दिवाली और भाई दूज? देखें 5 दिन के उत्सव का शुभ मुहूर्त और महत्वपूर्ण तिथियां

दीवाली 2024: जानिए कब हैं दिवाली, छोटी दिवाली और भाई दूज? देखें 5 दिन के उत्सव का शुभ मुहूर्त और महत्वपूर्ण तिथियां
Last Updated: 23 अक्टूबर 2024

नई दिल्ली: दीवाली, साल के सबसे बड़े त्योहारों में से एक, जल्द ही मनाया जाएगा। यह पर्व पांच दिनों तक चलता है और हिंदू मान्यताओं में इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है। दीवाली का उत्सव धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के दिन समाप्त होता है।

दीवाली 2024 का कैलेंडर

हिंदू धर्म में दीपावली का पर्व विशेष महत्व रखता है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष विधान होता है। इस वर्ष रात्रि व्यापिनी अमावस्या 31 अक्टूबर की रात को होगी। मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और भक्तों के घर जाती हैं। इसलिए, इस बार दीवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसे दीपावली या रोशनी का पर्व भी कहा जाता है।

दीपावली का उत्सव पांच दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और अंत भाई दूज के दिन होता है। हर साल कार्तिक महीने में अमावस्या तिथि को दीवाली मनाई जाती है। दीवाली के पहले और बाद में कई अन्य महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे धनतेरस, नरक चतुर्दशी, गोवर्धन पूजा और भाई दूज। आइए जानते हैं इन त्योहारों का शुभ मुहूर्त:

दीवाली का महत्व और शुभ मुहूर्त

इस साल देश भर में दीवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। विशेष बात यह है कि वैदिक पंचांग के अनुसार, छोटी दीवाली और लक्ष्मी पूजा एक ही दिन होगी।

महत्वपूर्ण तिथियां और मुहूर्त:

  • लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त: 31 अक्टूबर को शाम 6:52 बजे से रात 8:41 बजे तक।
  • प्रदोष काल: शाम 6:10 बजे से रात 8:52 बजे तक।
  • अमावस्या तिथि: सुबह 6:22 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर को सुबह 8:46 बजे समाप्त होगी।

त्योहारों की तिथियां:

  • 29 अक्टूबर: धनतेरस
  • 30 अक्टूबर: नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)
  • 31 अक्टूबर: दीपावली और लक्ष्मी पूजन
  • 2 नवंबर: अन्नकूट और गोवर्धन पूजा
  • 3 नवंबर: यम द्वितीया, भाई दूज

धनतेरस का पर्व

धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह 29 अक्टूबर (मंगलवार) को होगा। इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और नए बर्तन खरीदने की परंपरा है। इसे भगवान धनवंतरी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा का महत्व है।

छोटी दीपावली (नरक चतुर्दशी)

छोटी दीपावली, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर पर विजय का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से यम देवता के नाम का दीपक जलाने की परंपरा है।

लक्ष्मी पूजा

31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा, जो दीवाली का मुख्य दिन है, धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दिन भक्त देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जो धन, भाग्य और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं।

गोवर्धन पूजा और अन्नकूट

गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी, जिसे अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठाकर मथुरा वासियों को वर्षा से बचाया था।

भाई दूज

दीवाली का अंतिम दिन भाई दूज होगा, जो 3 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है।

इस वर्ष दीवाली की तैयारियों में पूरे देश में उत्साह देखा जा रहा है, और लोग अपने-अपने घरों को सजाने और त्योहार मनाने की तैयारियों में जुट गए हैं।

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