हर साल 13 मार्च को राष्ट्रीय परोपकार दिवस मनाया जाता है, जिसे नेशनल गुड सेमेरिटन डे भी कहा जाता है। यह दिन मानवता, दया और निस्वार्थ सेवा की भावना को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन का मूल उद्देश्य हमें यह याद दिलाना है कि किसी की मदद करने के लिए हमें किसी विशेष कारण या पहचान की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि हमें केवल एक संवेदनशील और जागरूक इंसान होने की जरूरत होती है।
इस दिन का ऐतिहासिक महत्व
‘गुड सेमेरिटन’ शब्द बाइबिल की एक प्रसिद्ध कहानी से प्रेरित है, जिसमें एक व्यक्ति यात्रा के दौरान लुटेरों द्वारा घायल कर दिया जाता है। कई लोग उसे देखकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन एक सामरी व्यक्ति (सेमेरिटन) उसकी मदद करता है, उसकी देखभाल करता है और उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाता है। यह दृष्टांत हमें बताता है कि सच्ची मानवता किसी जाति, धर्म या पहचान से नहीं, बल्कि हमारे कर्मों से परिभाषित होती है।
इसके अलावा, यह दिन कैथरीन (किट्टी) जेनोवेस की दुखद हत्या की भी याद दिलाता है, जो 13 मार्च 1964 को न्यूयॉर्क में हुई थी। कहा जाता है कि अगर उस वक्त आसपास के लोग हस्तक्षेप करते, तो शायद उनकी जान बच सकती थी। यह घटना दर्शाती है कि किसी की मदद करने के लिए हमें तत्पर रहना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी हमारी छोटी-सी मदद भी किसी के जीवन को बचा सकती है।
कैसे मनाएं राष्ट्रीय परोपकार दिवस?
छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कार्य करें
जरूरतमंदों को खाना खिलाएं।
किसी वृद्ध व्यक्ति की सहायता करें।
किसी अनजान व्यक्ति के प्रति दयालुता दिखाएं।
सकारात्मकता फैलाएं
अपने आसपास के लोगों को भी परोपकार करने के लिए प्रेरित करें।
सोशल मीडिया पर इस दिवस के महत्व को साझा करें और #GoodSamaritanDay का उपयोग करें।
समाज सेवा में योगदान दें
किसी चैरिटी में दान करें।
स्वयंसेवक बनकर जरूरतमंदों की सहायता करें।
इस दिन का महत्व क्यों है?
सकारात्मकता और दयालुता को बढ़ावा देता है
हमें यह याद दिलाता है कि निस्वार्थता ही सच्ची मानवता है
हमें अपने व्यस्त जीवन से एक पल निकालकर दूसरों के लिए सोचने की प्रेरणा देता है
इस राष्ट्रीय परोपकार दिवस 2025 पर, आइए हम सभी यह संकल्प लें कि हम न केवल अपने लिए बल्कि समाज के लिए भी जिएंगे। किसी की छोटी-सी मदद उनके लिए बहुत बड़ी राहत बन सकती है, इसलिए आगे बढ़ें और परोपकार करें।