काश पटेल, जो एक भारतीय-अमेरिकी और प्रमुख रिपब्लिकन राजनीतिज्ञ हैं, ने एफबीआई (Federal Bureau of Investigation) के खिलाफ कई बार मुखर आलोचना की है। उन्होंने इस एजेंसी की कार्यशैली और उसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की हैं।
वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल को संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के निदेशक पद के लिए नामित किया है। काश पटेल, जो कि एक भारतीय-अमेरिकी राजनेता हैं, इस पद पर नियुक्ति के साथ ही आगामी प्रशासन में सबसे ऊंची रैंक प्राप्त करने वाले भारतीय अमेरिकी बनेंगे। उनका नाम एफबीआई की प्रमुख स्थिति के लिए ट्रंप द्वारा चुने जाने के बाद, यह फैसला राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया है। इसके साथ ही, ट्रंप ने न्यूयॉर्क के रियल एस्टेट डेवलपर चार्ल्स कुशनर को फ्रांस में अपना राजदूत नामित किया हैं।
काश पटेल को FBI बनाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने की घोषणा
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक घोषणा करते हुए कहा कि काश पटेल को FBI के अगले निदेशक के रूप में नामित किया गया है। ट्रंप ने काश पटेल की सराहना करते हुए कहा कि वह एक बेहतरीन वकील, जांचकर्ता और "अमेरिका को प्राथमिकता देने वाले" योद्धा हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि काश ने अपने करियर के दौरान भ्रष्टाचार को उजागर किया और अमेरिका के लोगों की रक्षा की।
ट्रंप ने यह भी कहा कि काश पटेल ने उनके पहले कार्यकाल के दौरान रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ, राष्ट्रीय खुफिया के उप निदेशक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद रोधी विभाग के वरिष्ठ निदेशक के रूप में शानदार काम किया। काश ने अदालत में 60 से अधिक सुनवाई में प्रशासन की ओर से पैरवी की थी।
कौन हैं काश पटेल?
काश पटेल का जन्म 25 फरवरी, 1980 को न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में गुजराती भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। उन्होंने रिचमंड विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में पेस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से ज्यूरिस डॉक्टर की डिग्री हासिल की। काश पटेल ने 2017 में ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री के कार्यवाहक चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में कार्य किया। वे न्यूयॉर्क में पैदा हुए थे, लेकिन उनके माता-पिता का संबंध गुजरात से है। उनकी मां का परिवार तंजानिया और पिता का युगांडा से है, और वे 1970 में कनाडा से अमेरिका चले आए थे।
काश पटेल, जो बाइडेन प्रशासन के समय एफबीआई के मुखर आलोचक रहे हैं, ने एजेंसी के खिलाफ कई बार बयान दिए हैं। उन्होंने खुफिया जानकारी प्राप्त करने की भूमिका को समाप्त करने और उन कर्मचारियों को हटाने की मांग की है जो ट्रंप के एजेंडे के खिलाफ थे। इसके अलावा, जुलाई में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में उन्होंने कहा था कि हमें उन लोगों को पहचानना होगा जो सरकार में बैठकर हमारे संवैधानिक गणराज्य को कमजोर कर रहे हैं।