अफगानिस्तान में विदेशी मंत्रालय के बाहर धमाका:6 लोगों की मौत,कई घायल:तालिबान सरकार का दावा था कि काबुल में किसी हमले का डर नहीं,

अफगानिस्तान में विदेशी मंत्रालय के बाहर धमाका:6 लोगों की मौत,कई घायल:तालिबान सरकार का दावा था कि काबुल में किसी हमले का डर नहीं,
Last Updated: 27 जून 2023

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद फॉरेन मिनिस्ट्री के बाहर सोमवार को बड़ा धमाका हुआ। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई। 9 लोग घायल बताए गए हैं।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह एक फिदायीन हमला था। काबुल एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक- इस बात की जांच की जा रही है कि यह धमाका कैसे हुआ। अगर यह फिदायीन हमला था तो हमलावर हाई सिक्योरिटी जोन तक कैसे पहुंचा।

मिनिस्ट्री में जाना चाहता था हमलावर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिदायीन हमलावर की कोशिश मिनिस्ट्री के अंदर पहुंचने की थी। वो उस जगह पहुंचना चाहता था जहां अफसर बैठते हैं। हालांकि, जब वो इस कोशिश में नाकाम हो गया तो उसने पहले ही खुद को उड़ा लिया। यह जगह गेस्ट के लिए होती है।

हमले में 2 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई। बाकी 4 घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ा। 8 लोग घायल बताए गए हैं। इनको हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। सभी घायलों को इटली के एक NGO के अस्पताल लाया गया है।

सोमवार को हुए ब्लास्ट ने तालिबान हुकूमत के उन दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसमें वो लगातार ये कहती रही है कि काबुल में किसी तरह के हमले का डर नहीं है।

 

सुरक्षा के दावों पर सवाल

 

. न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के मुताबिक- सोमवार को हुए ब्लास्ट ने तालिबान हुकूमत के उन दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसमें वो लगातार ये कहती रही है कि काबुल में किसी तरह के     हमले का डर नहीं है। शायद यही वजह है कि तालिबान ने अब तक इस हमले पर ऑफिशियली कुछ नहीं कहा है।

. जनवरी में भी काबुल के इसी हिस्से में हमला किया गया था। तब IS ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। दो दिन बाद तालिबान ने एक बयान में कहा था कि उसने हमले की साजिश रचने वाले IS के दो आतंकियों को मार गिराया है।

. सोमवार की घटना के बाद पूरे इलाके को घेर लिया गया। तालिबान हुकूमत ने एक अहम मीटिंग की और इस इलाके के सिक्योरिटी इंतजामों पर काफी देर तक विचार किया। खास बात यह है कि काबुल का यही वो इलाका है, जहां कई देशों की ऐंबैसीज हैं। अगस्त 2021 में तालिबान ने काबुल के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद कई देशों ने यहां अपने डिप्लोमैटिक मिशन्स बंद कर दिए थे। हालांकि, भारत समेत कुछ देशों की ऐंबैसीज यहां अब भी मौजूद हैं।

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