Iran News : ईरान सरकार प्रदर्शनकारियों को देगी माफ़ी: 22 हजार लोग रिहा होंगे:विरोधी बोले-ये दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की साजिश

Iran News : ईरान सरकार प्रदर्शनकारियों को देगी माफ़ी: 22 हजार लोग रिहा होंगे:विरोधी बोले-ये दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की साजिश
Last Updated: 26 मई 2023

आखिरकार ईरान सरकार हिजाब और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के आगे झुक गई है इसके चलते ईरान सरकार ने हिजाब और सरकार का विरोध प्रदर्शन करने वाले 22 हजार आरोपियों की रिहाई का फैसला किया है। ज्यूडिशियरी चीफ के दफ्तर की तरफ से सोमवार को जारी बयान में कहा गया- उन लोगों को रिहा करने का फैसला किया गया है, जिन्हें पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था।

अब तक ये साफ नहीं है कि इन लोगों को कब रिहा किया जाएगा। इसकी वजह यह है कि सरकारी बयान में माफी शब्द का इस्तेमाल किया गया, जबकि सरकारी न्यूज एजेंसी ने माफी और रिहाई की बात कही है।

बहरहाल, सरकार के इस फैसले को विरोधियों ने झूठ फैलाने की साजिश करार दिया। एमनेस्टी इंटरनेशनल का ईरान चैप्टर देखने वालीं गिसाउ निया ने कहा- कट्टरपंथी सरकार झूठ फैलाकर दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की साजिश रच रही है।

सरकार और हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में कुल 82 हजार 656 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

विरोध प्रदर्शन अब भी जारी

16 सितंबर को हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे। एक आंकड़े के मुताबिक, इनमें अब तक 517 लोग मारे जा चुके हैं। ज्यादातर लड़कियां और महिलाएं हैं। सरकार ने सिर्फ 117 लोगों के मारे जाने की बात मानी है। ज्यादातर लोगों की मौत मॉरेलिटी पुलिस के टॉर्चर की वजह से हुईं। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी हैं।

माना जा रहा है कि दुनिया में बढ़ रहे विरोध, इकोनॉमिक क्राइसिस और लड़कियों को जहर दिए जाने के खुलासे के बाद सरकार पर दबाव बढ़ा। इसलिए रिहाई का फैसला किया गया।ईरान को सबसे बड़े धर्मगुरू अयातुल्लाह अली खामनेई ने पिछले दिनों एक रैली में कहा था- सभी गिरफ्तार लोगों को माफी देकर रिहा किया जाएगा।

इसके अलावा उन लोगों को सख्त सजा दी जाएगी, जिन्होंने लड़कियों को जहर दिया।एक आंकड़े के मुताबिक, सरकार और हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में कुल 82 हजार 656 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से सिर्फ 22 हजार को ही रिहा करने का फैसला किया गया।

 

धोखा दे रही है सरकार
माफी दिए जाने के ऐलान को विरोधी धोखा बता रहे हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल का ईरान चैप्टर देखने वालीं गिसाउ निया ने कहा- हम जानते हैं कि सरकार क्या करने जा रही है। किसी सरकार या हिजाब विरोधी प्रदर्शनकारी को रिहा नहीं किया जाएगा। सिर्फ कई साल से जेल काट रहे बुजुर्ग या बीमार लोगों को रिहा किया जाएगा और यह काम तो हर साल नेशनल डे पर किया जाता है। इसमें नया क्या है।

 

सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार

ईरान में 100 से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली स्टूडेंट्स को जहर देने का आरोप है। ईरान में पिछले साल 16 सितंबर को हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे। करीब पांच हजार छात्राएं रहस्यमयी तौर पर बीमार हो गई थीं।

ग्लोबल प्रेशर के बाद ईरान सरकार ने मामले की जांच कराई। इसमें सामने आया कि स्टूडेंट्स के पानी में धीमा जहर मिलाया गया था। सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई की आदेश के बाद सरकार ने कार्रवाई की। खामनेई ने कहा था- जो भी कसूरवार हो, उसे फांसी पर लटकाया जाए। इसके बाद इब्राहिम रईसी की सरकार पर दबाब बढ़ गया।

ईरान के अलावा भी दुनिया के कई देशों में छात्राओं को जहर दिए जाने के मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे। पेरेंट्स का कहना था कि यह स्टूडेंट्स की आवाज दबाने की साजिश है। सुप्रीम लीडर खामनेई ने इसे नाकाबिले माफी जुर्म बताया था। खामनेई ने कहा था- गुनहगारों का सख्त सजा दी जाएगी।

एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वहां की स्कूल गर्ल्स को जबरदस्ती पोर्न वीडियोज दिखाकर धमकाया जा रहा है। इन स्टूडेंट्स से कहा गया है कि अगर उन्होंने सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया तो उनके साथ रेप किया जाएगा।

 

विरोध प्रदर्शन कैसे शुरू हुए जानिए
16 सितंबर 2022 को पुलिस कस्टडी में 22 साल की महसा की मौत हो गई थी। उसने हिजाब नहीं पहना था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। ईरान में लड़कियों पर पाबंंदियां हैं और हिजाब पहनने को लेकर सख्त कानून हैं।

पुलिस ने बाद में कहा था- पुलिस ने महसा के साथ कोई मारपीट नहीं की। 13 सितंबर को कई लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था। उनमें से एक अमिनी थी। उसे जैसे ही पुलिस स्टेशन ले जाया गया वो बेहोश हो गई। बाद में उसकी मौत हो गई। बहरहाल, इस घटना को 6 महीने गुजर चुके हैं, लेकिन ईरान में अब भी सरकार और हिजाब के विरोध में प्रदर्शन जारी हैं। इसमें हजारों पुरुष भी हिस्सा ले रहे हैं।

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