पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोग जबरन धर्मांतरण, अपहरण और नाबालिगों के विवाह की बढ़ती घटनाओं का शिकार हो रहे है। इसी विरोध में गुरुवार को सिंध प्रान्त में अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन करेंगे। वह सिंध विधानसभा भवन के बाहर धरना देंगे। यह प्रदर्शन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद (पीडीआई) के बैनर तले होगा।
पीडीआई चीफ फकीर शिवा ने बताया कि सिंध में हिंदू लड़कियों का आए दिन अपहरण हाे रहा है। इस तरह के हजारों मामले दर्ज हो चुके हैं। हमारी बेटियां खतरे में हैं। पुलिस केवल अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कर खानापूर्ति कर देती है। उनके खिलाफ सख्ती नहीं बरतती है, इसकी वजह है कि अपराधियों की नेताओं तक पहुंच है। अदालतें भी हिंदुओं को सही न्याय नहीं देती है।
शिवा ने कहा कि अल्पसंख्यक बेटियां के अपहरण, धर्मांतरण और जबरन शादी को लेकर दोहरा रवैया क्यों अपनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सिंध में बाल विवाह अधिनियम के तहत बाल विवाह अपराध है, लेकिन इसे कोई पूछने वाला नहीं है। फकीर शिवा ने कहा कि हमने मांगों का 14 सूत्रीय चार्टर तैयार किया है।
जमीनों पर अतिक्रमण हटाने, थार एक्सप्रेस बहाल करने की मांग
इस प्रदर्शन में रामलाल और उनकी पत्नी भी शामिल हो रहे हैं। पूरा नाम न बताने की शर्त पर उन्होंने भास्कर को बताया कि वे बेटी को खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 5 साल पहले एक स्थानीय युवक ने बेटी अंजलि का घर से अपहरण कर लिया था। जबरन शादी कर ली थी। शादी के बाद उसे मुस्लिम बनने के लिए मजबूर किया गया।
हमने दर-दर गुहार लगाई कि हमारी बेटी लौटाने में मदद करो। इस पर अपहरणकर्ताओं की ओर से हमें जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। कुछ महीने बाद बेटी ने मुझे फोन किया और कहा कि उसका अपहरण नहीं किया गया था।
मुस्लिम युवक से शादी का फैसला उसका अपना था। तब हमारी उम्मीदें पूरी तरह से टूट गईं।’ मुझे पता था कि वह उनके दबाव में आकर ऐसा कह रही थी। उसकी बात सुनकर मैं और पत्नी चुप हो गए। फिर हम कराची पहुंच गए। आज कराची में हमारा मिशन हिंदू लड़कियों को जबरन शादी से बचाना है।
हिंदू बहुल सीट आरक्षित की जाए
हिंदू संगठन जो प्रस्ताव रखेगा, उनमें सिंध से अल्पसंख्यक लड़कियों के अपहरण और धर्मांतरण के बाद शादी के मुद्दे पर तत्काल रोक लगाने, बाल विवाह अधिनियम को लागू करने, दोहरे मतदान का अधिकार देने, थार एक्सप्रेस बहाल करने, अल्पसंख्यक समुदाय की जमीनों, प्लाटों, कब्रिस्तानों- धार्मिक स्थलों से अतिक्रमण हटाने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं।
न्याय में भेदभाव चल रहा: कार्यकर्ता
सिंध के हिंदू अधिकार कार्यकर्ता नारायण दास ने भास्कर को बताया कि पिछले महीने ही सिंध के मीरपुरखास क्षेत्र में स्थानीय अदालत ने नाबालिग हिंदू लड़की करिश्मा को अपहरणकर्ताओं को सौंप दिया था। लड़की के घरवाले कोर्ट में मिलने की जिद करते रहे, लेकिन कोर्ट ने मंजूरी नहीं दी। अन्याय में सभी संस्थानों की मिलीभगत दिख रही है।
सांसद बोले- कानून तो हैं, पर उस पर भ्रम है
सिंध की सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसद रमेश लाल कहते हैं, हमारी पार्टी ने सिंध विधानसभा में जबरन विवाह के लिए बिल पेश किया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह अधिनियम को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं। कानून का पालन कराना राज्य की जिम्मेदारी है।