सरकार ने अश्लीलता फैलाने वाले 18 ओटीटी ऐप्स पर बैन लगाया, जानें वजह

सरकार ने अश्लीलता फैलाने वाले 18 ओटीटी ऐप्स पर बैन लगाया, जानें वजह
Last Updated: 2 दिन पहले

सरकार ने अश्लीलता फैलाने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने का फैसला लिया है, ताकि ऑनलाइन सामग्री को बेहतर बनाया जा सके और लोगों को सही जानकारी मिल सके। यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है कि इंटरनेट पर मौजूद सभी सामग्री देश के हित में हो और लोगों की संस्कृति का सम्मान करती हो।

भारत सरकार

2024 में भारतीय सरकार ने अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री फैलाने वाले 18 ओवर--टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया है। यह कार्रवाई आईटी रूल 2021 के तहत की गई और डिजिटल मीडिया कंटेंट को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया था। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने इस मुद्दे पर लोकसभा में जानकारी साझा की।

यह कदम सरकार की डिजिटल जवाबदेही को लेकर बढ़ते दबाव को दर्शाता है। सरकार का मानना है कि इस फैसले से ऑनलाइन सामग्री में सुधार होगा और उपयोगकर्ताओं को सही जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, सरकार यह चाहती है कि इंटरनेट पर मौजूद सभी सामग्री देश के हित में हो और लोगों की संस्कृति का सम्मान करें।

मिला था पोर्नोग्राफिक कंटेंट

14 मार्च, 2024 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने कुछ इंटरनेट कंपनियों की सहायता से 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया। इन प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील, अशिष्ट और पोर्नोग्राफिक सामग्री उपलब्ध थी, जिसके चलते इन्हें बंद किया गया।

यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत की गई, और यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत सरकार के अधिकारों के अनुरूप थी। इस धारा के तहत सरकार को ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक करने का अधिकार प्राप्त है, यदि यह देश की संप्रभुता, अखंडता, राज्य सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, और विदेशी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों को खतरे में डालती है।

ऑनलाइन न्यूज चैनल्स के लिए चेतावनी

केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने स्पष्ट किया कि जो लोग ऑनलाइन न्यूज चैनल्स चला रहे हैं, उन्हें प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इन नियमों के तहत यह तय किया जाएगा कि न्यूज की प्रस्तुति किस तरह से होनी चाहिए।

मुरुगन ने बताया कि यूट्यूब पर न्यूज प्रसारित करने वाले चैनल्स, जैसे "बोलता हिंदुस्तान" और "नेशनल दस्तक", भी सरकार के नियमों के अधीन आते हैं। इन चैनल्स पर सरकार की निगरानी बनी रहती है और अगर इनसे गलत जानकारी फैलती है, तो इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार को यह अधिकार प्राप्त है कि वह किसी इंटरनेट कंपनी को निर्देश दे सकती है कि वह किसी विशेष सामग्री को हटा दे। यह कदम देश की सुरक्षा, अच्छे अंतरराष्ट्रीय संबंध और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया जा सकता है।

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