Advisory to Farmers: कृषि विभाग की चेतावनी! फसल को कीटों से बचाव के लिए किसानों को किया सचेत

Advisory to Farmers: कृषि विभाग की चेतावनी! फसल को कीटों से बचाव के लिए किसानों को किया सचेत
Last Updated: 1 दिन पहले

राज्य सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि इस समय आलू की फसल में झुलसा रोग, सरसों में माहू कीट और गेहूं में गेहूं का मामा व जई खरपतवार की समस्या किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है। इन समस्याओं से निपटने के लिए किसानों को अतिरिक्त सावधानी बरतने और उचित उपायों को अपनाने की सलाह दी गई है।

Advisory to Farmers: उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने किसानों को फसलों में हो रही बढ़ती बीमारियों से सतर्क रहने की सलाह दी है। राज्य सरकार ने सरसों, आलू और गेहूं जैसी फसलों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए किसान को उचित उपाय बताएं हैं, ताकि उनकी फसल पर किसी प्रकार का संकट न आए।

रसायनों के सीमित उपयोग पर जोर

राज्य सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि आलू में झुलसा रोग, सरसों में माहू कीट और गेहूं की फसल में गेहूं का मामा तथा जई खरपतवार के कारण किसानों को समस्याएं बढ़ रही हैं। सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि यदि वे फसलों में रसायनों का उपयोग कर रहे हैं, तो यह सीमित मात्रा में करें, ताकि फसल को अधिक नुकसान न हो।

आलू में झुलसा रोग का पहचान और उपचार

आलू की फसलों में झुलसा रोग के लक्षण पत्तियों पर काले और भूरे रंग के धब्बों के रूप में दिखाई देते हैं। यह रोग धीरे-धीरे पौधे के बाकी हिस्सों में फैलता है, जिससे पौधा झुलस जाता है। इससे फसल को भारी नुकसान होता है। आलू की फसल में इस रोग से बचाव के लिए 250-300 लीटर पानी में मैन्कोजैब 75% डब्ल्यूपी 0.8 किग्रा या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% डब्ल्यूपी एक किग्रा या 75% डब्ल्यूपी 0.8 किग्रा में से किसी भी एक घोल का छिड़काव किया जा सकता है।

सरसों में कीटों का नियंत्रण

सरसों की फसल पर कीटों का प्रकोप तापमान में गिरावट के कारण बढ़ सकता है। इस स्थिति में फसल को बचाने के लिए 200-250 लीटर पानी में डायमैथोएट 30% ईसी 0.4 लीटर, एजाडिरैक्टीन 0.15% ईसी एक लीटर या ऑक्सीडिमेटान मिथाइल 25% में से किसी एक का घोल बनाकर छिड़काव करें।

गेहूं की फसल में कीटों और खरपतवार से बचाव

गेहूं में गेहूं का मामा और जई खरपतवार के कारण फसल प्रभावित होती है। इनसे बचने के लिए फसल की निराई समय-समय पर करनी चाहिए। गेहूं की फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए प्रति हेक्टेयर 500-600 लीटर पानी में सल्फोसल्फ्यूरॉन 75%+ मेटसल्फोसल्फ्यूरॉन मिथाइल 5% का घोल बनाकर छिड़काव करें। यह छिड़काव हर 20 से 30 दिन में किया जा सकता है।

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