Haryana: नायब सैनी का बड़ा कदम, हरियाणा के पूर्व कर्मचारियों को मिलेगी पेंशन, देखें डिटेल्स 

Haryana: नायब सैनी का बड़ा कदम, हरियाणा के पूर्व कर्मचारियों को मिलेगी पेंशन, देखें डिटेल्स 
Last Updated: 8 घंटा पहले

हरियाणा सरकार ने पूर्व कर्मचारियों को 6,000-20,000 रुपये पेंशन देने का ऐलान किया, दिव्यांगजनों के लिए नई कैटेगरी जोड़ी, छोटे व्यापारियों के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम और प्रदूषण मुक्त हरियाणा परियोजना शुरू की।

Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में गुरुवार (23 जनवरी 2025) को राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सीएम सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि हरियाणा राज्य के HSMITC, CONFED, और हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड के पूर्व कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना का ऐलान किया गया है। इन कर्मचारियों को 6,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक का मानदेय मिलेगा। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए है जिनके विभागों का विलय हो चुका है।

दिव्यांगजनों के लिए बड़ी राहत

इसके साथ ही, सीएम ने दिव्यांगजनों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि 2016 में हुए संशोधन में अब 10 और कैटेगरी को दिव्यांगजन श्रेणी में जोड़ा गया है। इस फैसले से 32,000 दिव्यांगजनों को फायदा होगा और 11 नई कैटेगरी को दिव्यांगजनों की सूची में जोड़ा जाएगा।

छोटे व्यापारियों के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का ऐलान

सीएम सैनी ने छोटे व्यापारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि लंबे समय से जीएसटी के लिटिगेशन में फंसे व्यापारियों के लिए एक वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाई जाएगी। इस योजना के तहत, 10 लाख तक के बकाया वाले व्यापारियों को ब्याज में छूट दी जाएगी और उन्हें केवल 40% मूल राशि का भुगतान करना होगा।

बड़े करदाताओं के लिए 50% छूट योजना

इसके अलावा, सीएम ने 10 लाख से ऊपर के टैक्स पेयर्स के लिए 50% छूट योजना का भी ऐलान किया। इसके तहत 2 लाख से अधिक करदाता इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। साथ ही, जुर्माने और ब्याज को पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा। ये करदाता अपनी मूल राशि को दो किस्तों में भी चुका सकेंगे।

हरियाणा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 'स्वच्छ वायु परियोजना'

सीएम सैनी ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसके तहत राज्य को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना की डीपीआर को मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर कुल 3647 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें 2498 करोड़ रुपये का कर्ज विश्व बैंक से लिया जाएगा। हरियाणा सरकार इस परियोजना में 1066 करोड़ रुपये का योगदान देगी। सीएम ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार करना और राज्य को 2030 तक प्रदूषण मुक्त बनाना

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