आरबीआई ने पांच साल बाद रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इससे नए लोन सस्ते होंगे और फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वालों की EMI या टेन्योर कम होगा।
RBI Rate Cut: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में जनता को कई तोहफे दिए थे और अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी आम लोगों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। आरबीआई ने फरवरी में मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी (25 बेसिस प्वाइंट) की कटौती करने का फैसला किया है। यह फैसला करीब पांच साल बाद लिया गया है, जिससे होम लोन, कार लोन और अन्य तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे।
क्या है रेपो रेट और इसका असर?
रेपो रेट वह ब्याज दर होती है, जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। जब यह दर घटती है, तो बैंकों को सस्ता लोन मिलता है, जिसका फायदा वे अपने ग्राहकों को देते हैं। इसका सीधा असर यह होगा कि बैंक अब कम ब्याज दर पर लोन ऑफर करेंगे और इससे लोन लेने वालों की EMI कम हो जाएगी। खासकर होम लोन और कार लोन पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
EMI में कैसे मिलेगी राहत?
अगर आपने फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लोन लिया है, तो आपके पास दो विकल्प होते हैं—
EMI घटाकर मासिक खर्च कम करना – अगर आप अपनी EMI घटवाते हैं, तो हर महीने आपकी जेब पर पड़ने वाला बोझ हल्का होगा और आपको कुछ अतिरिक्त पैसे बचेंगे।
लोन की अवधि घटाकर ब्याज बचाना – अगर आप लोन का टेन्योर कम करवाते हैं, तो लोन जल्दी खत्म होगा और आपको ब्याज पर बड़ी बचत मिलेगी। यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प होता है, जो जल्दी अपना कर्ज चुकाना चाहते हैं।
कितना फायदा होगा?
यह इस पर निर्भर करता है कि आपने कितना लोन लिया है और कितने वर्षों के लिए लिया है। उदाहरण के लिए—
- अगर आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए 8.75% ब्याज दर पर लिया है, तो आपकी मौजूदा EMI ₹26,511 होगी और आपको कुल ₹33,62,717 चुकाने होंगे।
- लेकिन अब RBI के रेपो रेट कटौती के बाद अगर आपका बैंक ब्याज दर 0.25% घटा देता है और नई दर 8.5% हो जाती है, तो आपकी EMI घटकर ₹26,035 हो जाएगी।
- इस बदलाव से आपकी EMI हर महीने ₹476 कम हो जाएगी।
- पूरे लोन अवधि में आपको कुल ₹1,14,390 की बचत होगी।
- किन सेक्टरों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
- होम लोन और कार लोन लेने वालों को सीधा लाभ मिलेगा।
- ब्याज दरों में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि लोग घर खरीदने के लिए ज्यादा प्रेरित होंगे।
- बिजनेस लोन भी सस्ते हो सकते हैं, जिससे छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को राहत मिलेगी।
RBI का फैसला क्यों अहम?
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब महंगाई दर में कमी देखी जा रही है और सरकार आर्थिक विकास को बढ़ावा देना चाहती है। रेपो रेट में कटौती से बैंकों को कर्ज सस्ता पड़ेगा, जिससे वे ज्यादा से ज्यादा लोन दे सकेंगे और बाजार में तरलता बढ़ेगी। इससे उद्योगों, व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
आगे क्या हो सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर महंगाई काबू में रहती है, तो RBI आने वाले महीनों में ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कर्ज लेने वालों को और राहत मिल सकती है।