RBI Update: लोन लेना हुआ आसान, RBI की नई नीति से बैंकिंग सेक्टर में बदलाव, CRR में की 50 पॉइंट की कटौती

RBI Update: लोन लेना हुआ आसान, RBI की नई नीति से बैंकिंग सेक्टर में बदलाव, CRR में की 50 पॉइंट की कटौती
Last Updated: 06 दिसंबर 2024

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती करने के बाद बाजार में उत्साह देखा जा रहा है। इस फैसले से बैंकिंग सिस्टम में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी आने की संभावना है, जिससे बैंकों को कर्ज देने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

RBI Update: आरबीआई ने शुक्रवार को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को 50 बेसिस प्वाइंट घटाकर 4% कर दिया है। यह निर्णय अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी की स्थिति को सुधारने और घटती जीडीपी ग्रोथ व बढ़ती महंगाई के मद्देनजर लिया गया है।

बैंकिंग सेक्टर को मिलेगा 1 लाख करोड़ का फायदा

इस फैसले के तहत बैंकिंग सिस्टम में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी आने की संभावना है। इससे बैंकों को लोन देने में आसानी होगी और बाजार में नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी। फैसले के बाद बैंकिंग सेक्टर के स्टॉक्स में 2% तक की तेजी दर्ज की गई है, जिसमें सबसे अधिक लाभ पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSUs) को हुआ है।

आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर की प्रतिक्रिया

आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने कहा कि यह कदम सही समय पर उठाया गया है। 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती से 1 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी मिलेगी, जो बाजार के दबाव को कम करने के लिए पर्याप्त है। गांधी ने बताया कि हाल के हफ्तों में बाजार में लिक्विडिटी की कमी हो रही थी और टैक्स पेमेंट से पहले इसे सुधारना जरूरी था।

अन्य सेक्टरों को होगा फायदा

यह कदम सिर्फ बैंकिंग सेक्टर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एनबीएफसी, रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरबल्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों को भी सीधा लाभ पहुंचेगा। अतिरिक्त लिक्विडिटी का उपयोग विकास परियोजनाओं में किया जा सकेगा।

रेपो रेट में बदलाव नहीं

आरबीआई ने 11वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। एसडीएफ रेट 6.25% और एमएसएफ रेट 6.75% पर बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, रेपो रेट में बदलाव न होने से कर्जदारों को ईएमआई में कोई राहत नहीं मिलेगी।

गिरा जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

आरबीआई ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया है। तीसरी तिमाही का अनुमान 7.4% से घटाकर 6.8% और चौथी तिमाही का अनुमान 7.4% से घटाकर 7.2% किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में यह 7.3% से घटकर 6.9% रहने की संभावना जताई गई है।

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