Brijbhushan: बृजभूषण सिंह मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय, अदालत क्लोजर रिपोर्ट पर सुनाएगी बड़ा फैसला

Brijbhushan: बृजभूषण सिंह मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय, अदालत क्लोजर रिपोर्ट पर सुनाएगी बड़ा फैसला
Last Updated: 3 घंटा पहले

पटियाला हाउस कोर्ट में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट पर बड़ा फैसला आने वाला है। कोर्ट इस मामले में 30 नवंबर को अपना आदेश सुना सकती है।

Haryana: पटियाला हाउस स्थित सत्र न्यायाधीश की अदालत 30 नवंबर को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर अपना आदेश पारित कर सकती है। नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया था कि वह पुलिस की जांच से संतुष्ट है, जिसके बाद पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।

मामले में आगे की जांच का दिया निर्देश

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर निर्णय को यह कहते हुए स्थगित कर दिया कि आदेश अभी तैयार नहीं है। अब अदालत 30 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी। इस तारीख को अदालत यह तय करेगी कि पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या नहीं, या फिर मामले में आगे की जांच का निर्देश दिया जाए।

अदालत के समक्ष दायर की रिपोर्ट

इस मामले में लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि एक इन-चैंबर कार्यवाही में नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया था कि वह पुलिस की जांच से संतुष्ट है और क्लोजर रिपोर्ट का विरोध नहीं कर रही है।

दिल्ली पुलिस ने अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें इस मामले को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। पुलिस की रिपोर्ट में नाबालिग पहलवान के पिता के दावे का भी जिक्र किया गया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करवाई थी ताकि अपनी बेटी के साथ हुए अन्याय का बदला ले सकें।

मामले को रद्द करने की सिफारिश

दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज मामले को हटाने की सिफारिश की थी। पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में यह कहा कि जांच के दौरान मामले की पुष्टि करने वाले कोई ठोस सुबूत नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सके। नाबालिग पहलवान से जुड़ी शिकायत को रद्द करने की सिफारिश इसी कारण की गई थी।

Leave a comment