मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इस योजना के लिए सरकार ने 17,000 करोड़ रुपए से अधिक का बजट निर्धारित किया है।
PM Modi: केंद्र सरकार ने दशहरा के अवसर पर देश के करोड़ों गरीब लोगों को एक बड़ा उपहार दिया है। अब सरकार देश में मुफ्त चावल भी प्रदान करेगी। इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। इस योजना की शुरुआत जुलाई 2024 से होगी और यह दिसंबर 2028 तक जारी रहेगी। सरकार ने इस योजना पर 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने का ऐलान किया है। आइए, हम आपको बताते हैं कि कैबिनेट की ओर से किस प्रकार के निर्णय लिए गए हैं।
गरीब परिवारों को मुफ्त चावल
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत खाद्य कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत 17,082 करोड़ रुपए के बजट से वर्ष 2028 तक पोषक तत्वों से भरपूर चावल की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने का फैसला किया गया है। यह फोर्टिफाइड चावल, जो पोषक तत्वों से समृद्ध है, लोगों में खून की कमी (एनीमिया) के समाधान और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
योजना के तहत दिसंबर 2028 तक मुफ्त चावल
सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने का निर्णय लिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए कुल वित्तीय योजना 17,082 करोड़ रुपए की होगी। इस खर्च का पूरा वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा।
योजना का असली उद्देश्य
इस योजना का असली उद्देश्य 2019 और 2021 के बीच किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार, भारत में एनीमिया एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जो विभिन्न आयु वर्गों और आर्थिक स्तरों के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को प्रभावित कर रही है। आयरन की कमी के साथ-साथ, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड जैसी अन्य विटामिनों और खनिजों की कमी भी बनी रहती है, जो जनसंख्या के संपूर्ण स्वास्थ्य और उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
कई सेक्टर किए शामिल
कमजोर आबादी में एनीमिया और कुपोषण को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के उपाय किए जा रहे हैं। भारतीय संदर्भ में, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की उपलब्धता के लिए चावल एक आदर्श माध्यम है, क्योंकि भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या अपने मुख्य भोजन के रूप में चावल का सेवन करती है। चावल फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया में नियमित चावल (कस्टम मिल्ड राइस) में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप माइक्रो न्यूट्रिएंट्स (जैसे आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12) से समृद्ध फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) को शामिल करना शामिल किया गया है।