साइबर फ्रॉड के मामले देश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और 2024 के पहले 9 महीनों में इन अपराधों ने भारतीय नागरिकों को भारी नुकसान पहुँचाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल अब तक 11,300 करोड़ रुपये का साइबर फ्रॉड हुआ है, जिसमें से सबसे ज्यादा लूट शेयर बाजार में निवेश के नाम पर हुई है। ये धोखाधड़ी न केवल वित्तीय नुकसान का कारण बन रही है, बल्कि लोगों के डिजिटल जीवन को भी प्रभावित कर रही है।
साइबर फ्रॉड से हुआ 11,300 करोड़ रुपये का नुकसान
भारत में बढ़ते साइबर अपराधों ने अब तक 11,333 करोड़ रुपये की भारी लूट की है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में लगभग 12 लाख साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें से सबसे ज्यादा धोखाधड़ी शेयर बाजार में निवेश के नाम पर की गई है। इनमें से 2.28 लाख शिकायतें निवेश से जुड़ी हुई थीं, जिनमें निवेशकों से कुल 4,636 करोड़ रुपये की ठगी की गई है।
डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी 63,481 शिकायतें
2024 के पहले 9 महीनों में डिजिटल अरेस्ट की 63,481 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनसे 1,616 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह नई तरह की धोखाधड़ी है, जिसमें स्कैमर्स लोगों को सरकारी एजेंसियों का प्रतिनिधि बनकर उनके फोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क करते हैं। पीएम मोदी ने अपनी "मन की बात" में भी लोगों को डिजिटल अरेस्ट के बारे में जागरूक किया था और बताया था कि कोई सरकारी एजेंसी किसी व्यक्ति से जांच के लिए फोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क नहीं करती है।
साइबर स्कैमर्स के नए तरीके
साइबर स्कैमर्स ने लोगों को धोखा देने के लिए कई नए तरीके अपनाए हैं। इनमें निवेश योजनाओं, नौकरी, डेटिंग ऐप्स, फर्जी गेमिंग ऐप्स और सेक्सटॉर्शन जैसे जालसाजी शामिल हैं। इसके अलावा, डिजिटल अरेस्ट भी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है, जहां लोग बिना किसी वजह के पुलिस या सरकारी एजेंसी के नाम पर धोखा खाते हैं।
CFCFRMS (सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 2023 में साइबर अपराधों की कुल 11, 31,221 शिकायतें दर्ज की गई थीं। वहीं, 2022 में यह संख्या 5,14,741 और 2021 में 1,35,242 थी। इस प्रकार, साइबर फ्रॉड के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।
साइबर पुलिस की कोशिशें और जागरूकता अभियान
साइबर पुलिस और सरकारी एजेंसियां लगातार लोगों को साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूक कर रही हैं। डिजिटल अपराधों को रोकने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन स्कैमर्स रोज नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने में सफल हो रहे हैं। यही कारण है कि लोगों को हमेशा सतर्क रहकर अपनी डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए।