विदेश मंत्री एस जयशंकर पीएम नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश सहित विभिन्न मुद्दों पर मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है, जो वर्तमान अंतरराष्ट्रीय हालातों से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय हो सकता है।
Bangladesh: बांग्लादेश में इस्कॉन लीडर चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। भारत सरकार ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई है। इस संबंध में गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें बांग्लादेश के ताजा हालात पर चर्चा की गई। विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री को बांग्लादेश की स्थिति से अवगत कराया, और बताया कि सरकार बांग्लादेश के मुद्दे पर सदन में बयान देने के लिए तैयार है, बशर्ते सदन सुचारू रूप से चलता है।
बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षा पर ठोस कदम की मांग
कांग्रेस ने भी मोदी सरकार से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। पहले ही भारत सरकार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सामने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत के खिलाफ ऐतराज जता चुकी है। बांग्लादेश में इस्कॉन लीडर की गिरफ्तारी के बाद वहां के हिंदू समुदाय में बढ़ते असंतोष और हिंसा को लेकर भारत सरकार की ओर से चिंता जताई जा रही है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंसा
25 नवंबर को ढाका एयरपोर्ट से इस्कॉन लीडर चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया था, जिन पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है। उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद इस्कॉन समर्थकों की भीड़ कोर्ट के बाहर हिंसक हो गई, जिसमें एक सरकारी वकील की मौत हो गई। इसके बाद बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग तेज हो गई है।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ता खतरा
बांग्लादेश में इस्कॉन के करीब 65 मंदिर और 50 हजार से अधिक फॉलोवर्स हैं। हालांकि, शेख हसीना सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। इस स्थिति को लेकर बांग्लादेश के इस्कॉन लीडर्स और कई रिटायर्ड जजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।
भारत सरकार का स्पष्ट संदेश
भारत सरकार की ओर से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है। बांग्लादेश के इस ताजा घटनाक्रम से न केवल भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर पड़ सकता है, बल्कि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की बैठक के बाद यह संदेश साफ हुआ है कि भारत बांग्लादेश के इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से निगरानी रखेगा और जरूरत पड़ने पर कूटनीतिक स्तर पर कदम उठाएगा।