झारखंड: हाई कोर्ट से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झटका, ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका ख़ारिज

झारखंड: हाई कोर्ट से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को झटका, ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका ख़ारिज
Last Updated: 03 मई 2024

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

Hemant Soren : झारखंड हाई कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि इस मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस S.चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच में हुई। गौरतलब है कि मामले की सुनवाई होने के बाद खंडपीठ ने 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसमें पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी ED रिमांड को चुनौती दी थी।

दायर की गई याचिका

मिली जानकारी के अनुसार, हेमंत सोरेन का कहना था कि जिस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है, वह मामला शेड्यूल ऑफेंस का नहीं है। उनकी गिरफ्तारी रिमांड गलत है। उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का कोई मामला नहीं बनता है।

उन्होंने कहा कि बड़गाईं अंचल की जिस विवादित जमीन (Ranchi Land Scam) की बात कही जा रही है, उसके मूल दस्तावेज में उनके नाम का कहीं कोई जिक्र नहीं है। 28 फरवरी को इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद हेमंत सोरेन ने फैसला नहीं देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है।

31 जनवरी को गिरफ्तार किया

मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। जिसे पूर्व सीएम सोरेन ने इसे अवैध बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसको कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए उनकी जमानत पर कल सुनवाई करेगी।

4 मई को होगी सुनवाई

बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर कल सुनवाई की जाएगी। ED के स्पेशल जस्टिस राजीव रंजन की अदालत में बड़गाई अंचल के 8.86 एकड़ जमीन मामले के आरोपित हेमंत सोरेन की जमानत याचिका (Hemant Soren Bail) पर इससे पहले बुधवार को भी सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के मामले में लिखित जवाब अदाकत में दाखिल करने का निर्देश दिया।

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