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बावनकुले का बड़ा दावा: 'फडणवीस 2034 तक रहेंगे मुख्यमंत्री', महाराष्ट्र की सियासत में हलचल

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महाराष्ट्र के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार, 25 अप्रैल को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस राज्य के अब तक के 'सबसे बेहतरीन मुख्यमंत्री' हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फडणवीस 2034 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे।

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर बयानबाजी की गर्मी में तप रही है। इस बार कारण बने हैं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, जिन्होंने यह दावा कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी कि देवेंद्र फडणवीस 2034 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उनका यह बयान उस वक्त आया जब राज्य में महायुति गठबंधन की एकता और भविष्य को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं। इस टिप्पणी पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की संक्षिप्त प्रतिक्रिया शुभकामनाएं ने भी राजनीतिक हलकों में कई संकेत दे दिए हैं।

बावनकुले का दावा - '2034 तक फडणवीस ही मुख्यमंत्री'

शुक्रवार, 25 अप्रैल को मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के अब तक के सबसे बेहतरीन मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्हें अगले 9 वर्षों तक राज्य का नेतृत्व करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि फडणवीस ने 'विकसित महाराष्ट्र' का जो विजन और रोडमैप तैयार किया है, उसे पूरा करने के लिए स्थिर नेतृत्व की जरूरत है, जो फडणवीस ही दे सकते हैं। फडणवीस 2034 तक मुख्यमंत्री रहेंगे। उन्होंने जो विजन दिखाया है, वह केवल उनके नेतृत्व में ही साकार हो सकता है।

दोहरे इंजन की सरकार का जिक्र

बावनकुले ने अपने संबोधन में बार-बार ‘डबल इंजन’ यानी केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने के लिए यही मॉडल जरूरी है। मोदी जी का मजबूत नेतृत्व और फडणवीस की प्रशासनिक कुशलता – यही है महाराष्ट्र के विकास की असली चाभी।

एकनाथ शिंदे का सधा हुआ जवाब - 'शुभकामनाएं'

जब मीडियाकर्मियों ने इस पूरे बयान पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख एकनाथ शिंदे से प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने बेहद सधा हुआ और छोटा सा उत्तर दिया - 'शुभकामनाएं।' हालांकि यह प्रतिक्रिया जितनी सरल थी, उतनी ही गूढ़ भी। शिंदे की यह चुप्पी कहीं ना कहीं भविष्य की रणनीति और गठबंधन की स्थिति पर संकेत भी दे रही है। 

यह भी याद रखना जरूरी है कि शिंदे ही जून 2022 से नवंबर 2024 तक मुख्यमंत्री रहे और फिर चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली।

शिवसेना नेता रामदास कदम का व्यंग्यात्मक समर्थन

बावनकुले की इस बात पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा, अगर फडणवीस 2080 तक भी मुख्यमंत्री रहते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। हमारी शुभकामनाएं फडणवीस, बावनकुले और शिंदे तीनों के साथ हैं। कदम का यह बयान भले ही समर्थन जैसा लगे, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे व्यंग्यात्मक समर्थन की श्रेणी में रख रहे हैं। 

बयान यह भी दर्शाता है कि शिवसेना गुट फिलहाल गठबंधन की एकता बनाए रखना चाहता है, लेकिन अंदरखाने संभावित असहजता से इनकार नहीं किया जा सकता।

राजनीतिक विश्लेषण – गठबंधन में सब ठीक नहीं?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बावनकुले का यह बयान सिर्फ एक भविष्यवाणी नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश है। यह बयान महायुति के भीतर नेतृत्व को लेकर एक स्पष्ट प्राथमिकता दर्शाता है। बीजेपी चाहती है कि फडणवीस को अगले दशक तक राज्य की बागडोर सौंपी जाए, जबकि शिंदे गुट को लेकर पार्टी की प्राथमिकता स्पष्ट नहीं है। इसी वजह से एकनाथ शिंदे ने भी इस बयान पर लंबी प्रतिक्रिया देने के बजाय सिर्फ एक शब्द बोलकर खुद को फिलहाल इस बहस से दूर रखा है।

भले ही सार्वजनिक रूप से शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी एकता की बात कर रही हैं, लेकिन नेतृत्व की महत्वाकांक्षा गठबंधन में दरार की शुरुआत का कारण बन सकती है। शिंदे को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना और फडणवीस को फिर से सत्ता की बागडोर मिलना, यह संकेत देता है कि बीजेपी ही महायुति की कमान पूरी तरह से संभालना चाहती है।

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