बिहार: भागलपुर में सड़क के किनारे तड़प रही नवजात बच्ची, प्रशासन कर रहा खानापूर्ति, लोगों ने पहुंचाया अस्पताल
बिहार के भागलपुर के सबौर प्रखंड में सरधो गांव के वार्ड संख्या पांच स्थित ट्यूब वेल के पास शनिवार को ग्रामीणों ने सड़क किनारे पड़ी एक नवजात बच्ची को देखा। लोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर की मदद से बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। नवजात बच्ची के मिलने की सूचना रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय स्थित चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों को दी गई लेकिन वे लोग समय पर वहां नहीं आए।
जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सरधो की एक महिला को एंबुलेंस से बच्ची को लेकर सदर अस्पताल भेजा गया. लेकिन सदर अस्पताल में भी बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी थी. उसके बाद फिर से चाइल्ड लाइन के कर्मियों को फोन किया, लेकिन कर्मी ने थोड़ी देर में आने की बात कही, लेकिन कई देर इंतजार करने के बाद भी चाइल्ड लाइन के कर्मी नहीं आए।
उसके बाद महिला के साथ बच्ची को जेएलएनएमसीएच (जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल) में भर्ती कराया गया। जहां शिशु रोग विभाग में उसका इलाज चल रहा है. Subkuz.com के पत्रकार को JLNMCH की नर्स ने बताया कि बच्ची की देखभाल के लिए चाइल्ड लाइन का कोई कार्यकर्ता (कर्मी) मौजूद नहीं हैं।
डीएम ने चाइल्ड लाइन को दी जिम्मेदारी
Subkuz.com के पत्रकार को सबौर सीएचसी मैनेजर जावेद मंजूर ने बताया कि पूर्व डीएम (District Magistrate) ने लावारिस बच्चों की प्रारंभिक देखभाल, इलाज और शिशु संरक्षण गृह पहुंचाने की जिम्मेदारी चाइल्ड लाइन को दी थी। बताया कि बच्ची की जानकारी मिलने के बाद डॉ. अजय कुमार ने चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं को फोन कर बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर इलाज के लिए अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने काम छोड़ देने की बात कहकर आने में असमर्थता दिखाई।
जानकारी के अनुसार बच्ची को सदर अस्पताल भेजने के बाद चाइल्ड लाइन की टीम भी अस्पताल पहुंची और कुछ देर रुकने के बाद वापस लोट गई। शाम को बच्ची की स्थिति बिगड़ने लगी तो उसे रेफर करने की जरूरत महसूस हुई, उस दौरान जेएलएनएमसीएच भेजने के लिए फिर से चाइल्ड लाइन कर्मियों को फोन किया लेकिन कोई भी सदस्य मौके पर नहीं पहुंचा। उसके बाद बच्ची को एक महिला के साथ जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजना पड़ा।