Bihar Flood Alert: बिहार में बाढ़ का कहर, तटबंध टूटने से 5 की मौत, लाखों लोग प्रभावित

Bihar Flood Alert: बिहार में बाढ़ का कहर, तटबंध टूटने से 5 की मौत, लाखों लोग प्रभावित
Last Updated: 30 सितंबर 2024

बिहार में इस समय बाढ़ की वजह से हालात गंभीर बने हुए हैं। नदियों के उफान के कारण 6 तटबंध और एक सुरक्षा बांध टूट चुके हैं, जिससे भारी तबाही मच गई है। बगहा शहर में बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, जोगबनी में पानी रेलवे ट्रैक तक पहुँच गया है, जिससे ट्रेनों का संचालन छह घंटे तक बाधित रहा। इस स्थिति ने पूरे राज्य में चिंता और परेशानी बढ़ा दी है।

पटना: नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश का असर बिहार की नदियों पर साफ दिख रहा है। दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखंड में भुभोल गांव के पास कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध रविवार देर रात करीब 10 मीटर तक टूट गया, जिससे पानी फैलने लगा।

तटबंध के टूटने से लगभग 8-9 किलोमीटर तक 3-4 फीट ऊँचे पानी का बहाव जारी है। जिलाधिकारी राजीव रोशन ने जानकारी दी कि किरतपुर के आठ पंचायतों के निवासियों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए माइकिंग के माध्यम से सूचित किया गया है। इस बाढ़ से कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर, और गोडाबोराम इलाके प्रभावित हो सकते हैं।

बिहार में बाढ़ से सैकड़ों गांव डूबे, फसलें तबाह, 5 लोगों की मौत

सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी भर जाने से हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है और लाखों लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। कई लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में पलायन कर रहे हैं। वाल्मीकिनगर बराज से 3.61 लाख क्यूसेक और मधुबनी में कोसी बराज से 6.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे जलस्तर और बढ़ गया है। जोगबनी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से ट्रेनों का संचालन छह घंटे तक बाधित रहा।

 इस आपदा के बीच, पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल क्षेत्र में रविवार को पांच लोग डूब गए। नदियों के जलस्तर में निरंतर बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए 20 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही, दरभंगा में कोसी बांध के कई हिस्सों से रिसाव की जानकारी मिली है, जो चिंता का कारण बन रहा है।

सीतामढ़ी शहर में बाढ़ का पानी

बगहा शहर में बाढ़ का पानी घुस गया है और सीतामढ़ी शहर भी बाढ़ की चपेट में गया है। सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड के मधकौल में बागमती नदी का तटबंध 80 फीट तक टूट गया, जिससे लगभग एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बागमती का बायां तटबंध बेलसंड में रात करीब साढ़े आठ बजे टूट गया, जबकि दाहिना तटबंध बलुआ पंचायत के खरौउवा गांव के पास रात नौ बजे टूटा। बागमती परियोजना के सहायक अभियंता ने बताया कि 12 साल बाद बागमती नदी में इतना पानी आया है।

इसी बीच, पश्चिम चंपारण के बगहा-एक प्रखंड में रजवटिया-रतवल बांध गंडक नदी के पानी के दबाव से खैरटवा गांव के पास टूट गया, जिससे करीब 30 हजार लोग प्रभावित हुए। सिकटा प्रखंड के बलरामपुर में ओरिया नदी का सुरक्षा बांध भी ध्वस्त हो गया।

शिवहर में बाढ़ से 6,000 से अधिक लोग प्रभावित

शिवहर में रविवार की रात तरियानी छपरा के पास बागमती का तटबंध मध्य विद्यालय के समीप 20 फीट में टूट गया। तरियानी प्रखंड में तीन स्थानों पर तथा बेलवा में सुरक्षा तटबंध में रिसाव हो रहा है, जिसके चलते जिले के 20 गांवों में 6,000 से अधिक लोग प्रभावित हो गए हैं। बागमती के कहर से यहां 25,000 एकड़ फसल भी डूब गई है।

पूर्वी चंपारण के फुलवार उत्तरी पंचायत में दुधौरा नदी का दायां तटबंध लगभग 15 फीट में टूट गया है, और घोड़ासहन प्रखंड में टेका पुल के पास बना डायवर्सन भी ध्वस्त हो गया है।

बगहा में 40 गांवों की 30,000 आबादी प्रभावित है, और 10,000 एकड़ में फसल बर्बाद हो गई है। मधुबनी में 25 गांवों में पानी फैल गया है, जिससे लगभग 1.5 लाख लोग प्रभावित हैं और करीब 15,000 एकड़ फसल डूब गई है। दरभंगा में 100 से अधिक गांवों में एक लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

बेतिया में बाढ़ से 50,000 से अधिक लोग प्रभावित

बेतिया में करीब 50,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, और लगभग 20,000 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। पूर्वी चंपारण में बाढ़ का आंशिक असर देखा जा रहा है। गंडक बराज से तीन बजे तक 3,61,400 क्यूसेक, जबकि कोसी बराज से सुबह 10 बजे 6.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

मधुबनी में कमला बलान नदी खतरे के निशान से 2 मीटर 22 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जबकि शिवहर में बागमती लाल निशान से 2.12 मीटर और दरभंगा में कमला नदी खतरे के निशान से 2 मीटर 52.2 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। पश्चिम चंपारण में गंडक नदी खतरे के निशान से 88.79 मीटर पार कर 90.10 मीटर पर बह रही है।

बांका में बाढ़ ने मचाई तबाही

बांका जिले में रामचुआ नहर के दो फीट टूटने से 50 एकड़ में धान की फसल डूब गई है। सुपौल स्थित कोसी बराज पर रविवार रात आठ बजे 3,31,385 क्यूसेक जलस्राव रिकॉर्ड किया गया। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के कुसहा गांव में सुरक्षा बांध टूटने से 600 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं।

सहरसा जिले के नवहट्टा और महिषी प्रखंड में तटबंध के अंदर ग्रामीण कार्य विभाग की 50 से अधिक सड़कों का अस्तित्व कोसी नदी ने मिटा दिया है। इस क्षेत्र में शायद ही कोई सड़क ऐसी बची हो, जिस पर पांच फुट पानी नहीं बह रहा हो। कोसी बराज के सभी 56 गेट खोले गए हैं।

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