बिहार के अरवल जिले में शुक्रवार (13 दिसंबर) की रात को नक्सलियों ने सड़क निर्माण कार्य में जुटी तीन बड़ी मशीनों को आग के हवाले कर दिया। यह घटना जिले के करपी थाना क्षेत्र के मखमिलपुर गांव के पास हुई, जहां कामख्या कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था। नक्सलियों ने इस घटना को उस समय अंजाम दिया जब कंपनी ने उनकी लेवी की मांग को ठुकरा दिया था।
नक्सलियों ने किया निर्माण उपकरणों में आग लगाना
जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों ने जेसीबी, हाईवा और रोड रोलर जैसी भारी निर्माण मशीनों को आग लगाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया। पुलिस के अनुसार, यह घटना शुक्रवार रात को घटित हुई, जब नक्सलियों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी के उपकरणों को निशाना बनाया। घटना के बाद, स्थानीय फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
लेवी न मिलने पर किया हमला
सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी से पहले लेवी की मांग की थी, लेकिन कंपनी ने उनकी मांग को नकार दिया। इस पर नाराज होकर नक्सलियों ने यह हमला किया। घटना के बाद, मखमिलपुर गांव स्थित पेट्रोल पंप के कर्मियों में भी हड़कंप मच गया, क्योंकि आग के पास ही पेट्रोल पंप था। हालांकि, पेट्रोल पंप कर्मचारियों की सूझबूझ से बड़ी घटना टल गई और आग को पंप तक पहुंचने से रोक लिया गया।
पुलिस जांच में जुटी, संदिग्धों को हिरासत में लिया
पुलिस ने घटना के बाद कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से नक्सलियों की पहचान करने में जुटी हुई है। एसडीपीओ कृति कमल ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और आरोपियों की पहचान के बाद सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कभी लेवी की मांग को लेकर शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, जिससे यह साफ होता है कि नक्सलियों का यह हमला बिना पूर्व सूचना के था।
नक्सलियों का खौफ और पुलिस कार्रवाई
अरवल जिले में नक्सलियों का प्रभाव कुछ समय से बढ़ता जा रहा है, और अब यह घटना इस बात का प्रमाण है कि नक्सलियों द्वारा क्षेत्र में आतंक फैलाने के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने इस हमले को लेकर जांच तेज कर दी है और हर पहलू पर गौर कर रही है। पुलिस ने इस बात की संभावना जताई है कि यह हमला नक्सलियों द्वारा किया गया हो, लेकिन अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।
इस घटना के बाद से क्षेत्र में डर का माहौल बना हुआ है, और कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी भी डर के कारण मीडिया से कोई बयान देने से बच रहे हैं। पुलिस जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि नक्सलियों ने ही यह हमला किया था या फिर यह शरारती तत्वों की करतूत थी।
नक्सलवाद के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत
बिहार में नक्सलियों की बढ़ती गतिविधियों के बीच पुलिस और प्रशासन को अब और भी सख्त कार्रवाई की आवश्यकता महसूस हो रही है। ऐसे हमलों से न केवल क्षेत्रीय विकास प्रभावित होता है, बल्कि आम लोगों की जिंदगी भी खतरे में पड़ जाती है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि नक्सलवाद अब भी बिहार के कई हिस्सों में सक्रिय है, और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी हो गया है।