बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश का सख्त रुख; कहा- 'शिक्षा कानून का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई'

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बिहार विधानसभा के मौजूदा सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के सख्त अनुपालन की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी निजी स्कूल इस कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

पटना: बिहार विधानसभा के मौजूदा सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के सख्त अनुपालन की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी निजी स्कूल इस कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। सीएम की इस घोषणा के बाद विपक्ष ने इस फैसले का स्वागत किया और लिखित रूप में अपनी शिकायतें भी दर्ज कराईं।

विधानसभा में विपक्ष की नारेबाजी और सीएम का जवाब

विधानसभा में विपक्षी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष का कहना था कि राज्य के कई निजी स्कूल आरटीई अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं और गरीब व कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित सीटों पर अन्य बच्चों का दाखिला ले रहे हैं। हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ने कहा, "मेरे खिलाफ जो करना है, करिए, हम तो आपकी तारीफ करेंगे।" उन्होंने विपक्षी विधायकों को अपनी सीटों पर लौटने का आग्रह किया, जिस पर सभी विधायक सहमत हो गए।

मुख्यमंत्री ने दिए शिक्षा मंत्री को जांच के आदेश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को निर्देश दिया कि इस मामले की पूरी जांच कराई जाए। उन्होंने अधिकारियों की दीर्घा में बैठे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ को भी जांच करने के लिए कहा। दरभंगा ग्रामीण के विधायक ललित कुमार यादव और ढाका के विधायक पवन जायसवाल ने इस मुद्दे को सदन में जोर-शोर से उठाया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि डीपीएस पटना और डीवाई पाटिल इंटरनेशनल स्कूल सहित कई निजी स्कूल गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित सीटों पर नामांकन नहीं कर रहे हैं। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा, "हमें यह स्वीकार करना होगा कि आरटीई के तहत नामांकन अपेक्षा से कम हुआ है। जिन जिलों में स्कूलों ने आरटीई के तहत दाखिला नहीं लिया है, वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित स्कूलों से जवाब मांगें।"

सरकार का बड़ा फैसला

शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि कई मामलों में सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में एक ही छात्र का नामांकन हो जाता है, जिससे समस्या पैदा होती है। इस स्थिति से बचने के लिए अब सभी स्कूलों में छात्रों की आधार सीडिंग अनिवार्य की जाएगी। बिहार सरकार द्वारा निजी स्कूलों की जवाबदेही तय करने का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा के अधिकार कानून का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि हर वर्ग के बच्चों को समान अवसर मिल सके।

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