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BJYM की कमान संभाल सकते हैं अन्नामलाई? बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव के संकेत

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तमिलनाडु बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई को लेकर राजनीतिक हलकों में इन दिनों खासा चर्चा है। हाल ही में उनके द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी संगठन में एक बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

AIADMK-BJP: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर एक बार फिर से संगठनात्मक फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस बार चर्चा का केंद्र बने हैं तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई। सूत्रों की मानें तो पार्टी उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है। यह पद फिलहाल बेंगलुरु साउथ से सांसद तेजस्वी सूर्या के पास है, लेकिन अब इसे अन्नामलाई को सौंपे जाने की संभावनाएं प्रबल मानी जा रही हैं।

तेजस्वी सूर्या की जगह ले सकते हैं अन्नामलाई?

तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में BJYM ने हाल के वर्षों में कई ऊर्जावान अभियान चलाए, लेकिन पार्टी अब युवा मोर्चे में नई सोच और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के साथ बदलाव करना चाहती है। दक्षिण भारत से आने वाले अन्नामलाई को यह जिम्मेदारी सौंपना इस रणनीति का हिस्सा हो सकता है। तमिलनाडु में उनके द्वारा पार्टी के विस्तार और वोट शेयर में वृद्धि के बाद उन्हें राष्ट्रीय भूमिका में लाने की चर्चा जोर पकड़ रही है।

अमित शाह की तारीफ बनी बदलाव की बड़ी भूमिका

गृह मंत्री अमित शाह ने अन्नामलाई के इस्तीफे के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर उनकी खुलकर सराहना की। शाह ने लिखा कि अन्नामलाई ने तमिलनाडु में पार्टी को मजबूती देने में अभूतपूर्व योगदान दिया और संगठनात्मक कौशल के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी दी जाएगी। यह बयान संकेत देता है कि पार्टी उन्हें यूं ही नहीं छोड़ने वाली, बल्कि बड़ी भूमिका की तैयारी कर रही है।

पीएम मोदी के 'सिपाही' हैं अन्नामलाई

अन्नामलाई पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे राजनीति में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न के लिए आए हैं। उनके मुताबिक, मोदी जो भी जिम्मेदारी देंगे, वे उसे पूरी निष्ठा से निभाएंगे। यह समर्पण उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का भरोसेमंद चेहरा बनाता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में अन्नामलाई के नेतृत्व में भाजपा ने भले ही सीट न जीती हो, लेकिन पार्टी का वोट शेयर बढ़कर 11% तक पहुंचा, जो 2019 के मुकाबले उल्लेखनीय उछाल था। 

उनकी राज्यव्यापी पदयात्रा ने कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया और भाजपा के लिए नया जनाधार तैयार किया। कोयंबटूर सीट से वे हार जरूर गए, लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद मजबूत था।

वीरेंद्र सचदेवा को भी मिल सकती है नई भूमिका

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नाम पर भी राष्ट्रीय संगठन में बदलाव के मद्देनजर चर्चा हो रही है। एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, उन्हें भी पार्टी हाईकमान राष्ट्रीय टीम में जगह देकर नई जिम्मेदारी सौंप सकता है। दिल्ली चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन और संगठन निर्माण में उनका योगदान अहम रहा है।भाजपा अब संगठन में युवा और ऊर्जावान चेहरों को सामने लाने की कोशिश कर रही है। अन्नामलाई और सचदेवा जैसे नेता इस रणनीति के केंद्र में हैं। पार्टी इन नेताओं के क्षेत्रीय प्रभाव, संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें नई जिम्मेदारियों से नवाज़ सकती है।

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