Chamoli Avalanche: उत्तराखंड में हिमस्खलन का खतरा, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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उत्तराखंड में मौसम विभाग ने हिमपात और हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। 2000 मीटर से ऊंचे क्षेत्रों में गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। 3 मार्च तक पर्यटकों को पहाड़ी इलाकों में जाने से रोका गया है।

Chamoli Avalanche: उत्तराखंड में हिमपात और हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए बताया कि 2000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने पर्यटकों, ट्रेकर्स और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर ठहरने के निर्देश दिए हैं।

चमोली एवलांच के बाद बढ़ी सतर्कता

हाल ही में 28 फरवरी को चमोली जिले के माणा क्षेत्र में एक बड़ा एवलांच आया था, जिसमें 54 श्रमिक दब गए थे। इस घटना के बाद प्रशासन और ज्यादा सतर्क हो गया है। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि 2000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में तीन मार्च तक पर्यटकों और ट्रेकर्स की आवाजाही पर पूरी तरह रोक रहेगी।

आपदा प्रबंधन टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया

इस संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीम को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। आपदा प्रबंधन आईआरएस प्रणाली के नामित अधिकारी और विभागीय नोडल अधिकारियों को स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा गया है।

सड़क निर्माण से जुड़े विभागों जैसे एनएच, पीएमजीएसवाई, बीआरओ और लोनोवि को निर्देश दिए गए हैं कि यदि हिमस्खलन या भूस्खलन के कारण सड़कें बाधित होती हैं, तो उन्हें तुरंत बहाल किया जाए। साथ ही, सभी थाना-चौकियों को आपदा प्रबंधन उपकरणों और वायरलेस संचार सहित हाई अलर्ट में रहने के निर्देश दिए गए हैं।

भूस्खलन से कई सड़कें प्रभावित

उत्तराखंड में हो रही बर्फबारी और बारिश के कारण कई इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। खासकर बागेश्वर जिले में बारिश और हिमपात के बाद रविवार को मौसम साफ होने से लोगों को राहत मिली, लेकिन इससे सड़कों पर मलबा और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।

कपकोट क्षेत्र, जो भूकंप और भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील जोन-5 में आता है, वहां बारिश और बर्फबारी के कारण बिजली, पानी और संचार सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। कई सड़कों पर मलबा गिरने से रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, जिनकी सफाई का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

भयूं-गुलेर मोटर मार्ग पर भूस्खलन

भयूं-गुलेर मोटर मार्ग पर भूस्खलन होने से सड़क बंद हो गई थी। किमी दो पर भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया था, जिसे हटाने के लिए लोडर मशीन लगाई गई। रविवार को सड़क को फिर से सुचारू रूप से चालू कर दिया गया। इसी तरह, पगना मोटर मार्ग पर कठानी और पगना के बीच भारी मात्रा में मलबा भर गया था, जिसे हटाने का काम जारी है।

बरातियों की फंसे होने की खबर

शनिवार को एक शादी समारोह में शामिल होने गए 200 बराती भूस्खलन के कारण फंस गए थे। देर शाम प्रशासन ने ब्रिडकुल की मदद से लोडर मशीन से मलबा हटाया, जिसके बाद फंसे हुए लोगों को राहत मिली।

आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट

जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल के अनुसार, वर्तमान में कोई भी मुख्य सड़क बंद नहीं है। हालांकि, बारिश और बर्फबारी के कारण प्रभावित सड़कों को खोलने के लिए राहत कार्य जारी है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

उत्तराखंड प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे मौसम विभाग के निर्देशों का पालन करें और किसी भी जोखिम भरे इलाके में जाने से बचें। मौसम के बिगड़ते हालात को देखते हुए सुरक्षा के सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं, लेकिन नागरिकों को भी सतर्क रहना जरूरी है।

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