गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की दो दिवसीय बैठक जोर-शोर से जारी है। इस अहम बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
अहमदाबाद: गुजरात में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के पहले दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संघ और बीजेपी पर तीखा राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की विचारधारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूरी तरह खिलाफ थी, और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर उनके नाम पर राजनीति करना 'राजनीतिक पाखंड' है।
सरदार पटेल ने लगाया था आरएसएस पर प्रतिबंध: खरगे
खरगे ने याद दिलाया कि सरदार पटेल ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद 1948 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने कहा, आज जो लोग पटेल की मूर्तियां लगाकर उनकी विरासत पर दावा करते हैं, वे उस ऐतिहासिक तथ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं कि पटेल ने स्वयं संघ की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए थे।
कांग्रेस मनाएगी पटेल की 150वीं जयंती, बताएगी असली विचारधारा
कांग्रेस अध्यक्ष ने घोषणा की कि 31 अक्टूबर 2025 को सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसमें उनकी वास्तविक विचारधारा और योगदान को उजागर किया जाएगा। उन्होंने कहा, सरदार पटेल को सिर्फ 'लौह पुरुष' कह देना काफी नहीं है, उनकी सोच और मूल्यों को आत्मसात करना जरूरी है।
खरगे ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि सरदार पटेल और पंडित नेहरू के बीच कोई टकराव नहीं था, जैसा कि आज की राजनीतिक ताकतें दिखाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने 1949 का पटेल का वह बयान उद्धृत किया जिसमें उन्होंने कहा था, नेहरूजी के त्याग और परिश्रम को मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता।
देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं कुछ ताकतें: खरगे
खरगे ने बीजेपी और संघ पर देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का भी आरोप लगाया और कहा कि बुनियादी मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, आज जो सत्ता में हैं, उनके पास आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था, इसलिए वे दूसरों के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
खरगे ने यह भी याद दिलाया कि इस साल महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है और इसका उद्घाटन कर्नाटक के बेलगावी में 26 दिसंबर को किया गया था, जहां 1924 में गांधीजी अध्यक्ष बने थे। गुजरात की धरती ने नौरोजी, गांधी और पटेल जैसे नेताओं को जन्म दिया, जिनका DNA कांग्रेस से जुड़ा है।