Delhi: हाईकोर्ट ने केस को लेकर जजों के लिए दिए दिशा-निर्देश, कहा- 'कोर्ट में केस ट्रांसफर आवेदनों पर निर्णय लेने से पहले न्यायधीशों की भी सुने'

Delhi: हाईकोर्ट ने केस को लेकर जजों के लिए दिए दिशा-निर्देश, कहा- 'कोर्ट में केस ट्रांसफर आवेदनों पर निर्णय लेने से पहले न्यायधीशों की भी सुने'
Last Updated: 30 मई 2024

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में प्रधान जिला एवं सत्र जजों द्वारा उनके समक्ष दायर ट्रांसफर आवेदनों से निपटने के दौरान पालन किए जाने वाले निर्देशों का एक सेट जारी किया। ये निर्देशिका प्रवर्तन निदेशालय बनाम अजय एस मित्तल मामले पर सुनवाई के बाद जारी हुई

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने आदेश दिया कि किसी भी केस में पक्षकार किसी भी संबंधित जज पर निष्पक्ष नहीं होने का आरोप लगाए तो जिला जज को संबंधित जज का पक्ष सुने बिना सिर्फ पक्षपात के आरोपों के आधार पर केस ट्रांसफर नहीं किया चाहिए।

न्यायालय ने कहआदेश दिया है कि केस ट्रांसफर आवेदन की मांग पर उक्त टिप्पणियों पर विचार करने और पक्षपात की वास्तविक आशंका के सिद्धांतों के आधार पर निर्णय लिया जाना चाहिए।

हाई कोर्ट ने दिए निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों द्वारा उनके समक्ष दायर ट्रांसफर आवेदनों से निपटने के दौरान जारी निर्देशों का पालन किए जाने का एक सेट जारी किया। बता दें कि ये निर्देशिका ED बनाम अजय S.मित्तल मामले पर सुनवाई के बाद जारी की। 

 

जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने आदेश दिया कि सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पक्षपात के आरोपों पर किसी भी मामले को तब तक किसी जस्टिस से ट्रांसफर नहीं किया जाए, जब तक कि संबंधित न्यायाधीश की जारी टिप्पणियां अनिवार्य रूप से बुलाई जाए और उन पर विचार-विमर्श कर लिया जाए। बताया जा रहा है कि इस संबंध में कई निर्देश जारी किए गए।

न्यायलय ने आगे कहा

जस्टिस की पीठ ने भूषण स्टील मनी लॉन्ड्रिंग मामले को एक जज से दूसरे जज को ट्रांसफर करने का ट्रायल कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के उस आदेश को खारिज करते हुए दिए न्यायाधीश से ट्रांसफर कर दिया गया था। मिली जानकारी के अनसार अदालत के कर्मचारियों से टिप्पणी की थी।

ED मामले का निपटारा

जस्टिस शर्मा ने कहा कि कोर्ट के कर्मचारियों और जज के बीच के रिश्ते को गोपनीय माना जाना चाहिए। की इसे दूसरे का सामने पेश किया जाए। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो सभी के सम्मान और गोपनीयता की मांग करता है। अदालत ने कहा कि न्यायाधीश की टिप्पणी आरोपी अजय एस. मित्तल के प्रति पक्षपात और प्रवर्त्तन निदेशालय के प्रति किसी अनुचित पक्षपात की वास्तविक आशंका को प्रदर्शित नहीं करती है। पीठ ने आदेश दिया कि मुकदमे के ट्रांसफर के संबंध में जारी इन निर्णय और दिशा-निर्देश की कॉपी दिल्ली के सभी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को भेजी जाए।

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