अगले महीने चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत से पहले विवाद जारी है। इंग्लैंड की संसद में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच न खेलने की अपील के बाद अब एक और देश ने भी खेल मंत्री के जरिए यही मांग उठाई है।
Champions Trophy 2025: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत में अब कुछ ही समय बचा है, लेकिन इससे पहले ही टूर्नामेंट में अफगानिस्तान के खिलाफ खेलने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इंग्लैंड की संसद में पहले ही अफगानिस्तान के खिलाफ मैच न खेलने की अपील की जा चुकी थी और अब साउथ अफ्रीका भी इस विवाद में शामिल हो गया है।
इंग्लैंड में अफगानिस्तान के खिलाफ न खेलने की मांग
इंग्लैंड की संसद में, जहां तालिबान के शासन को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है, अफगानिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में मैच न खेलने की अपील की गई थी। इंग्लैंड के सांसदों ने इस अपील के पीछे तर्क दिया था कि तालिबान के शासन में महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, विशेष रूप से खेल के क्षेत्र में महिलाओं को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है।
साउथ अफ्रीका का समर्थन: खेल मंत्री ने की अपील
अब साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री गेटन मैकेंजी ने भी क्रिकेट साउथ अफ्रीका से अफगानिस्तान के खिलाफ मैच का बॉयकॉट करने की अपील की है। मैकेंजी ने अपने बयान में कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है, और क्रिकेट जगत को इस मुद्दे पर कड़ा संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह खुद इस मामले में फैसला नहीं ले सकते, लेकिन अगर उनके हाथ में होता तो वह अफगानिस्तान के खिलाफ मैच को रोकते।
क्रिकेट साउथ अफ्रीका का जवाब
साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री की अपील के बाद क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) ने प्रतिक्रिया दी है। सीएसए ने कहा कि वह इस मुद्दे पर वही करेगा जो आईसीसी के नियमों के अनुसार उचित होगा। सीएसए ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अफगानिस्तान में महिला अधिकारों के हनन के खिलाफ है और मानता है कि महिला क्रिकेट को समान दर्जा मिलना चाहिए। हालांकि, सीएसए ने यह भी कहा कि चैंपियंस ट्रॉफी आईसीसी का आयोजन है, और इस मामले में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के आयोजन पर फैसला आईसीसी को लेना होगा।
तालिबान के बाद अफगानिस्तान में बवाल
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से वहां महिलाओं पर कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनमें खेल गतिविधियों से रोकना भी शामिल है। इस कारण अफगानिस्तान की महिला क्रिकेट टीम को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका ने इस मामले में आवाज उठाई है, और उनकी मांग है कि अफगानिस्तान के खिलाफ मैचों को लेकर गंभीर विचार किया जाए।